कौन है वो नौकरीपेशा भारतवंशी, जो अपनी बचत से अमेरिका में हिंदू धर्म के लिए दान कर रहा करोड़ों?

भारत से जाकर विदेशों में बसने वाले लगभग सभी भारतीय दिन रात की मेहनत से बहुत सारा पैसा कमाना चाहते हैं, जिससे कि वे और उनका परिवार अच्छा जीवन जी सकें. इसी मंशा के साथ तो इन्होंने अपने घर परिवार और देश को त्याग कर विदेश में रहना चुना था. लेकिन अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के एक डॉक्टर की सोच बकियों से बहुत अलग है.

कौन है वो भारतवंशी डॉक्टर मिहिर मेघानी?

इस अमेरिकी-भारतीय डॉक्टर की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. इस चर्चा का कारण ये है कि इन्होंने अमेरिका में हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए चालीस लाख डॉलर देने का ऐलान किया है. हम यहां बात कर रहे हैं भारतवंशी डॉक्टर मिहिर मेघानी की, जिनका कहना है कि हिंदू सिर्फ एक धर्म नहीं है बल्कि ये एक जीवनशैली है. उन्होंने लगभग दो दशक पहले अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर ‘हिंदू अमेरिका फाउंडेशन’ की स्थापना की थी.

क्यों हो रही है मिहिर मेघानी की चर्चा?

इस महीने की शुरुआत में डॉक्टर मिहिर ने वादा किया था कि वह अगले आठ सालों में हिंदुओं के हितों के लिए 15 लाख डॉलर देंगे. हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए 15 लाख डॉलर की इस मदद को मिला लें तो वह अगले दो दशकों में चालीस लाख डॉलर दान करेंगे. इसके साथ ही वह संभावित रूप से हिंदू धर्म के लिए इतनी बड़ी धनराशि देने का वादा करने वाले पहले भारतवंशी अमेरिकी बन गए हैं.

मिहिर का कहना है कि उनकी पत्नी और वह अब तक हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन को 15 लाख डॉलर दे चुके हैं. उन्होंने बीते 15 सालों में हिंदू और भारतीय संगठनों को दस लाख डॉलर से अधिक की आर्थिक मदद की है. उन्होंने अगले आठ सालों में भारत समर्थित और हिंदू संगठनों को 15 लाख डॉलर देने का संकल्प ले रहे हैं.

क्यों दे रहे हैं 15 लाख डॉलर का दान?

मिहिर मेघानी का कहना है कि हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए इतनी बड़ी धनराशि देने के पीछे का उद्देश्य यही है कि वह सिर्फ हिंदू धर्म का प्रचार करना चाहते हैं. अधिकतर अमेरिकी नागरिक इस धर्म को आसानी से नहीं समझते क्योंकि वहां अधिकतर लोग ईसाई हैं. उनका कहना है कि वे अब्राहमिक पृष्ठभूमि से आते हैं. जब वे अन्य धर्मों को देखते हैं तो वे नहीं समझते कि हिंदू धर्म सिर्फ एक धर्म नहीं है. यह जिंदगी जीने का तरीका है. यह जीवन के बारे में सोचने का तरीका है. वह कहते हैं कि भारत से आ रहे हिंदू ये नहीं समझते कि हिंदुत्व उनकी पहचान है. हमें इसके बारे में बात करने की जरूरत है.

मिहिर किसी स्टार्टअप के मालिक या फिर कोई बिजनेस नहीं चलाते, वह सैलरी पाने वाले एक डॉक्टर हैं. उनकी पत्नी एक फिटनेस इंस्ट्रक्टर और ज्वेलरी डिजाइनर हैं. मिहिर का कहना है कि उनके पास किसी कंपनी में शेयरहोल्डिंग भी नहीं है. वह अपनी जमापूंजी को सिर्फ हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार में लगा रहे हैं क्योंकि ये उनका कर्तव्य है.