कैसे हो रहा है राम मंदिर के पुजारियों का चयन, क्या सच में मोहित पांडेय चुने गए मुख्य पुजारी?

22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. इसके लिए सभी तरह की तैयारियों को समय से पूरा करने की कोशिश हो रही है. इन तैयारियों में एक मुख्य काम मंदिर के लिए पुजारियों का चयन है.

कैसे होता है राम मंदिर के पुजारियों का चयन?

what is process of Pujari selection for ram mandir who Is Mohit PandeyNBT

मंदिर में भगवान राम की सेवा के लिए पुजारियों की नियुक्ति शुरू हो चुकी है. इस सेवा के लिए देशभर से 3000 वेदार्थियों और पुजारियों का इंटरव्यू लिया गया था. जिनमें पुजारी के पद के लिए 24 का चयन हुआ. इनमें से 21 का प्रशिक्षण चल रहा है. 6 महीने के प्रशिक्षण के बाद ये तय किया जाएगा कि मंदिर में कौन कौन पुजारी बनने योग्य है. 6 माह के प्रशिक्षण के बाद जो योग्य व्यक्ति की परीक्षा के बाद नियुक्ति होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक अभ्यर्थी को 2 हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे.

बताया जा रहा है कि मंदिर में राम लला की पूजा अर्चना के लिए पुजारियों का चयन मेरिट के आधार पर किया जा रहा है. हर मंदिर में दो पुजारी की नियुक्ति होगी, जो 8 घंटे की शिफ्ट में अपनी सेवा देंगे. इसके अलावा भंडारी कोठारी और सेवादार भी होंगे.

क्या मोहित पांडेय सच में राम मंदिर के मुख्य पुजारी बनाए गए?

इसी बीच एक खबर काफी वायरल हुई कि मोहित पांडेय नामक युवा को राम मंदिर का मुख्य पुजारी नियुक्त किया गया है. हालांकि ये खबर पूरी तरह से सच नहीं थी. राम मंदिर ट्रस्‍ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने इस संबंध में बताया कि, मोहित पांडे ट्रेनिंग के लिए चयनित पुजारियों में एक हैं. उनकी योग्यता सबमें श्रेष्ठ है, इसलिए उन्हें ट्रेनियों का हेड बनाया गया है.

6 महीने की ट्रेनिंग पूरा करने के बाद प्रशिक्षित पुजारियों में राम मंदिर के लिए जितने पुजारियों की जरूरत होगी, उनका सेलेक्शन नियमानुसार किया जाएगा. उन्होंने साफ किया कि अभी किसी का चयन राम मंदिर के पुजारी के लिए नहीं किया गया है.

कौन हैं मोहित पांडेय?

Mohit Pandey Twitter

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहित पांडेय ने गाजियाबाद के दूधेश्वर वेद विद्यापीठ में सात साल तक अध्ययन करने के साथ तिरुपति स्थित तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम से संबद्ध श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय से स्नातक कर शास्त्री की उपाधि हासिल की है. इसके बाद साल 2023 में मोहित ने सामवेद का अध्ययन करते हुए मास्टर डिग्री हासिल की. उन्हें रामानंदीय परंपरा का विद्वान भी बताया जा रहा है.

वेद, शास्त्र और संस्कृत में विशेषज्ञता प्राप्त मोहित पांडेय गाजियाबाद के दूधेश्वर विद्यापीठ में दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में महंत, पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की देखरेख में विद्या अध्ययन भी कर चुके हैं.

क्या मोहित पांडेय भी हुए डीपफेक का शिकार?

कुछ दिनों पहले ही मोहित पांडेय से जुड़ा एक विवाद सामने आया था जिसमें कांग्रेस के एक नेता की गिरफ़्तारी भी हुई थी. दरअसल, जब मोहित पांडेय को लेकर ये खबर वायरल होने लगी कि अयोध्या राम मंदिर के मुख्य महंत के रूप में 3000 अभ्यर्थियों में मोहित पांडेय को चुना गया है तो 11 दिसंबर को गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के अनुसूचिक मोर्चा के अध्यक्ष हितेंद्र पीठाडीया ने ट्विटर पर दो आपत्तिजनक तस्वीरें शेयर कर दीं.

हितेन्द्र ने अपने इन आपत्तिजनक तस्वीरों को मोहित पांडेय से संबंधित बताते हुए लिखा था कि, ‘इसको राम मंदिर का पुजारी बना रहे हैं?’ पोस्ट के वायरल होने पर विवाद खड़ा हो गया. इसके बाद कांग्रेस नेता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया.

फैक्ट चेक में यह बात सामने आई थी कि वीडियो में दिख रहा शख्स मोहित पांडेय नहीं हैं. इस वीडियो के बारे में कहा गया कि यह भी संभव है, वीडियो को एडिट करने में डीपफेक एआई जनरेट फीचर का भी इस्तेमाल किया गया हो. हालांकि, मामले में कार्रवाई होने के बाद कांग्रेस नेता पीठाडीया ने भी ट्वीट डिलीट कर दिया था.