किसान कांग्रेस अपनी सरकार के नियमों से परेशान, CM को लिखा पत्र

प्रदेश में सेब सीजन (apple season) की शुरुआत हो चुकी है और अर्ली वैरायटी एप्पल (Early Variety Apple) फल मंडियों में आना शुरू हुआ है। सुक्खू सरकार प्रदेश में वजन के हिसाब से जहां सेब बेचने का फ़ैसला लेने पर अपनी पीठ थपथपा रही है। वहीं, इस पर बागवानों के बाद किसान कांग्रेस ने अपनी ही सरकार के नियमों से परेशान होकर मुख्यमंत्री (CM) एवं बागवानी मंत्री (Horticulture Minister) को पत्र लिखना पड़ रहा है।

मामला प्रदेश में 2 किलो कटौती के साथ हो रही सेब की पेटी की खरीद का है। किसान कांग्रेस ने इस सिस्टम को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी को पत्र देने की बात कही है। हिमाचल किसान कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र सिंह कंवर ने बताया कि कांग्रेस सरकार प्रदेश में सेब को वजन के हिसाब से बेचने का महत्वपूर्ण फैसला लिया लेकिन मंडियों में सेब की पेटी 2 किलो की कटौती के साथ बिक रही है जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि किसी भी उत्पाद के लिए डिब्बे या कार्टन का मूल्य खरीदार चुकाता है, तो बागवान को कार्टन का मूल्य क्यों चुकाना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि इससे किसान को दोहरा नुकसान हो रहा है। एक तरफ जहां उसे सेब की पैकेजिंग मैटेरियल (packaging material) के लिए पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ उसे प्रति पेटी 2 किलो सेब का दाम भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में सरकार को तुरंत इस निर्णय के खिलाफ आदेश जारी करने चाहिए। किसान कांग्रेस इसको लेकर बागवानी मंत्री को भी पत्र देगी। कंवर ने प्रदेश सरकार से ग्रामीण सड़कों को दुरुस्त करने की भी मांग की।

उन्होंने कहा कि सरकार ने आपदा के समय में राहत और बचाव का काम अच्छा किया, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली सड़कों को दुरुस्त करने की आवश्यकता है ताकि किसान सेब आसानी से बाजार तक पहुंचा सके। रविंद्र सिंह कंवर ने कहा कि आपदा को देखते हुए केंद्र सरकार को प्रदेश के किसानों की केसीसी (KCC) के ऋण माफ कर देने चाहिए। उन्होंने कहा कि इसको लेकर किसान कांग्रेस प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला को ज्ञापन भी सौंपेगी।