किरतपुर-नेरचौक फोरलेन निर्माण कार्य में लापरवाही, तालाब बने घर

हिमाचल प्रदेश में मानसून के दस्तक देते ही मंडी जिला में देर रात से शुरू हुई बारिश ने खूब कहर मचाया है। जिला में सभी नदी नाले उफान पर हैं वहीं दूसरी ओर उपमंडल सुंदरनगर में किरतपुर-नेरचौक फोरलेन निर्माण कार्य के दौरान बरती गई लापरवाही का खामियाजा भी बारिश के कारण लोगों को भुगतना पड़ा है।

रविवार सुबह जब लोगों ने हालात देखे तो चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी दिख रहा था। ग्राम पंचायत कलोहड़ के काटली गांव में फोरलेन के किनारे पर पानी की उचित व्यवस्था न होने के चलते बारिश का पानी लोगों के खेतों व घरों में घुस गया, जिस कारण लोगों को काफ़ी नुकसान हुआ है। साथ ही संपर्क मार्गो को भी भारी नुक्सान हुआ है। बारिश के बाद लोग खेतों व दुकानों से मलबे को हटाने में जुटे रहे और फोरलेन निर्माण कंपनी के साथ एनएचएआई को भी कोसते रहे।

फोरलेन की लापरवाही, खून पसीने की कमाई पर फिरा पानी

स्थानीय निवासी देवी राम सैनी, चंदू लाल सैनी, रामलाल, नरेश महंत, भवन महंत, अमरा सैनी, जमना देवी, संजय सैनी, नीटू सैनी ने बताया कि फोरलेन निर्माण कार्य के चलते पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण उनकी खून-पसीने की कमाई पर पानी फिर गया है। मामले को लेकर उन्होंने प्रशासन और एनएचएआई से मांग उठाई है कि बारिश के कारण हुए नुक्सान की भरपाई कर भविष्य में पानी की उचित व्यवस्था के लिए ठोस कदम उठाएं ताकि फिर लोगों को नुक्सान व परेशनियां का सामना न करना पड़ा।

वार्ड सदस्य निर्मला शर्मा व पंचायत समिति सदस्य महेश शर्मा ने बताया कि फोरलेन की लापरवाही के कारण स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि देर रात हुई बारिश का पूरा पानी लोगों के घरों व खेतों में चला गया है। उन्होंने एनएचआई और प्रशासन से आग्रह किया है कि लोगों के नुकसान की भरपाई की जाए। नहीं तो जल्द ही क्षेत्र के ग्रामीण सड़कों पर उतर कर फोरलेन निर्माण कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।