जैसलमेर, राजस्थान का एक ऐसा शहर, जो अपने अंदर तमाम खूबियां समेटे हुए है. यहां का राजसी ठाठ-बाट, संस्कृति, रेतीले टीले, खूबसूरत किले और झीलें हमेशा से दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करता रहा है. वहीं यहां का खानपान अद्भुत है! जैसलमेर के बारे में कहा जाता है कि यहां मटन साग, गट्टे की सब्जी और चूरमा जैसी इतनी सारी डिशेज खाने को मिलती हैं कि उन्हें एक दिन में नहीं खाया जा सकता. फिर भी हम कुछ ऐसी डिशेज के नाम आपके लिए लेकर आए हैं, जिनका स्वाद लिए बिना जैसलमेर की यात्रा पूरी नहीं होती. वो डिशेज कौन-कौन सी हैं और उनका स्वाद जैसलमेर में कहां जाकर लिया जा सकता है, आइए जानते हैं:
1. प्याज़ की कचोरी
जैसलमेर में प्याज़ की कचोरी की खुशबू सुबह होते ही मिलने लगती है. इसका स्वाद बड़ी आसानी से किसी भी टूरिस्ट स्पॉट के पास मौजूद दुकानों पर लिया जा सकता है. फिर भी अगर आप किसी खास जगह जाकर प्याज की कचौड़ी खाना चाहते हैं तो जैसलमेर फोर्ट से कुछ दूरी पर मौजूद धनराज रणमल भाटिया एक अच्छा विकल्प है. जैसलमेर में प्याज़ की कचोरी को लोग चटनी, कढ़ी और चाय के साथ खाना पंसद करते हैं.
2. मुर्ग-ए-सब्ज
मुर्ग-ए-सब्ज जैसलमेर की एक लोकल डिश है और लोगों के बीच में खूब मशहूर है. इसमें चिकन को खास मसालों के साथ तैयार किया जाता है. कहते हैं जैसलमेर में नॉन वेजिटेरियन लोगों के लिए इससे बेस्ट और कोई डिश हो नहीं सकती. चूंकि, मुर्ग-ए-सब्ज जैसलमेर की एक लोकल डिश है, इसलिए इसे पारंपरिक भोजन तैयार करने वाले किसी भी होटल में खाया जा सकता है.
3. दाल-बाटी चूरमा
दाल-बाटी चूरमा जैसलमेर का एक पारंपरिक व्यंजन है. इसे लोग कितना पसंद करते हैं इसको इसी से समझा जा सकता है कि यह डिश किसी भी नार्मल रेस्तरा पर आसानी से मिल जा जाती है. लंच हो या डिनर इस कभी भी खाया जा सकता है. इस डिश में तीखी दाल के साथ खस्ता बाटी को परोसा जाता है. चटपटे स्वाद के साथ घी में बना चूरमा अपने आप में खास होता है.
4. केसर मिल्क
केसर मिल्क थकावट दूर करने के लिए जाना जाता है. किसी भी चौराहे या गली के नुक्कड़ पर यह आपको मिल जायेगा. जैसलमेर के केसर मिल्क की खासियत यह है कि इसमें ड्राई-फ्रूट के साथ मलाई का एक शानदार प्रयोग किया जाता है. दावा किया जाता है कि जैसलमेर के केसर मिल्क का स्वाद लोगों की जुबान से जल्दी नहीं जाता. केसर मिल्क के लिए जैसलमेर का कंचन श्री आइसक्रीम एक अच्छा विकल्प है.
5. कैर-सांगरी
जैसलमेर गए और कैर-सांगरी का स्वाद न लिया, तो क्या खाया. कैर छोटी-छोटी गोल आकार की होती है, जबकि सांगरी 2-4 इंच लम्बी पतली फली होती हैं. ये दोनों कम पानी वाली जगह पर उगती हैं और कुछ ख़ास मसालों के साथ इन्हें तैयार किया जाता है. बाजरे की रोटी के साथ लोग कैर-सांगरी को खाना पसंद करते हैं. कैर-सांगरी स्थानीय लोगों के घरों की खास डिश में शुमारहै
6. मटन-साग
मटन साग, मटन से ही बनता है. स्पेनिश प्यूरी और राजस्थानी मसलो के साथ मिक्स करके इसे एक खास टेस्ट दिया जाता है. नॉन वेजिटेरियन लोगों के लिए यह जैसलमेर की एक अच्छी डिश है. डेजर्ट बॉय धानी जैसे किसी भी राजस्थानी व्यंजन परोसने वाले रेस्तरां में इसका आनंद लिया जा सकता है. मटन साग के लिए कहा जाता है कि यह ट्रिप को यादगार बनाने का दम रखती है.
7. मखनिया लस्सी
लस्सी के स्वाद की बात आती है तो लोगों की जुबान पर पंजाब, अमृतसर जैसे शहरों के नाम आ जाते हैं. जबकि, जैसलमेर की मखनिया लस्सी को चाहने वाले कम नहीं है. आम सी लगने वाली यह लस्सी आपको जैसलमेर किले के आस-पास की दुकानों के पास आसानी से मिल जाएगी. पूरे जैसलमेर में मखनिया लस्सी स्वाद के साथ दिन-भर की थकान मिटाने के लिए जानी जाती है.
8. गट्टे की सब्जी
गट्टे की सब्जी को बेसन के छोटे-छोटे टुकड़ों और कुछ मसालों की मदद से तैयार किया जाता है. इस स्वादिष्ट सब्जी को आप रोटी, नान या फिर चावल के साथ भी खा सकते हैं. गट्टे की सब्जी की सबसे बड़ी खूबी है इसका पाचक होना. जैसलमेर में इसे आसानी से पचने वाली डिशेज की सूची में रखा गया है. किला रेस्तरां इसके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
9. घोटुआं मिठाई
मीठा खाने के शौकीन लोगों के लिए जैसलमेर की घोटुआं का स्वाद लेना जरूरी है. यह मिठाई विदेशी सैलानियों के बीच भी खासी लोकप्रिय हैं. वैसे तो अब यह मिठाई अमर सागर पोल और हनुमान चौक जैसी जैसलमेर की लगभग सभी मिठाई की दुकानों में उपलब्ध है, मगर धनराज राणमल भाटिया की बात ही कुछ और है. दावा किया जाता है कि इसी दुकान से घोटुआं मिठाई की शुरुआत हुई थी.