उत्तर भारत के साथ सोलन में भी बिहार की महिलाओं ने संतान प्राप्ति के लिए की छट पूजा’ रखा व्रत ,6 दिन चले त्योहार का आज होगा समापन

उत्तर भारत में छठ पूजा का बहुत महत्व है। छठ पूजा को महापर्व के नाम से भी जाना जाता है। ये पर्व बिहार, झारखंड और यूपी की तरफ मुख्य रूप से मनाया जाता है।
छठ पूजा के दिन सूर्य देव और
छठी मैया की विधि-विधान से पूजा की जाती है। छठ पूजा पूरे 6 दिन की पूजा होती है।  इस साल छठ पर्व का आरंभ 12 नवंबर से हो गया था इस व्रत का समापन आज यानी20 नवंबर को होगा। इस दिन सूर्य देवता की पूजा की जाती है। इसके साथ छठी मैया की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा की शुरुआत सतयुग से हुआ थी।

सोलन में आए प्रवासी मजदूरों ने भी इस त्यौहार को धूमधाम के साथ मनाया और 6 दिन संतान प्राप्ति के लिए बिहार की महिलाएं व्रत रखती है जानकारी देते हुए बिहार से आए प्रवासी मजदूर ने जानकारी देते हुए सिया राम सुंदर शर्मा ने बताया की पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा परियावंद की कोई संतान नहीं थी। जिस कारण वो बहुत परेशान रहते थे। उन्होंने महर्षि कश्यप से इस बारे में चर्चा की। उस समय महर्षि कश्यप पुत्र प्राप्ति के खाने के लिए दी। उसके बाद राजा बहुत दुखी हुए और आत्महत्या करने के लिए चल दिए। उसी समय ब्रह्मा की मानस पुत्री देवसेना ने राजा पेरियावंद से कहा कि मैं ब्रह्मांड की मूल प्रकृति के छठे अंश से पैदा हुई हूं। इसलिए मेरा नाम षष्ठी है। यदि तुम मेरी पूजा करो और इसे लोगों के बीच फैलाओ तो इससे तुम्हे पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी। इसके बाद राजा ने षष्ठी के दिन रीति-रिवाज के अनुसार पूजा की, जिसके बाद उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई।