आर्थिक परेशानियों के चलते ध्रुव जुरेल ने बना लिया था क्रिकेट छोड़ने का मन, तब मां ने बेची थी चेन… संघर्षों से भरी है इस खिलाड़ी की कहानी

मां ने चेन बेचकर दिलाई थी किट, टीम इंडिया में जगह बनाने वाले आगरा के ध्रुव जुरेल की संघर्षों भरी कहानी

भारतीय टेस्ट टीम का ऐलान किया गया है। इसमें एक नाम ने शायद अन्य लोगों को चौंकाया हो, यूपी क्रिकेट पर नजर रखने वालों को तो इसका यकीन था। ध्रुव ने लोकल सर्किट में लगातार बढ़िया प्रदर्शन किया। इसका इनाम उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम में चयन के रूप में मिला है। हालांकि, ध्रुव का यह सफर संघर्षों से भरा रहा है।

Dhruv Jurel Indian Cricket Team

अब्बास रिजवी, आगरा: एक निराश, हताश सा किशोर अपने घर जाता है। क्रिकेट छोड़ने की बात करता है। पिता खुश होते हैं। उनका सपना था, बेटा उनकी तरह फौज में जाए। देश की सेवा करे या फिर पढ़ाई- लिखाई कर सरकारी नौकरी करे। लेकिन, बचपन से ही क्रिकेट उसकी आंखों में बस गया था। सचिन, सहवाग, गांगुली, धोनी को खेलता देखकर उसे भी क्रिकेट की भूख जगती। 22 गज वाली पिच पर अपने प्रदर्शन से देश की 140 करोड़ की आबादी का मनोरंजन करने का सपना दृढ़ हो जाता। लेकिन, 14 वर्षीय किशोर उस दिन हार गया था। आर्थिक तंगी और कहीं से न मिलते सपोर्ट ने तोड़ा तो उसने अपने सपने को छोड़ने का निर्णय ले लिया। लेकिन, मां को यह कहां मंजूर था। उसने अपनी चेन बेची। बेटे को क्रिकेट किट खरीद कर दी। कहा, बेटा तू खेल। और फिर उसने ऐसा खेल दिखाया कि चयनकर्ताओं को इंग्लैंड के खिलाफ 25 जनवरी से शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए चुनना ही पड़ा। जी हां, हम बात कर रहे हैं, भारतीय टीम में स्थान बनाने वाले यूपी के धुरंधर ध्रुव जुरेल की। ध्रुव संघर्ष के उन दिनों को याद करते हुए कहते हैं, मां के पास एक ही सोने की चेन थी। लेकिन, जब मेरे सपनों को पूरा करने की बारी आई तो उन्होंने उसे बेचने से पहले एक बार भी नहीं सोचा। यही मुझे बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करती है।

ध्रुव ने बनाई जगह

इंग्लैंड के खिलाफ 25 जनवरी से शुरू हो रही पांच टेस्ट मैच की सीरीज के लिए पहले दो टेस्ट के लिए भारतीय टीम में यूपी के ध्रुव जुरेल ने भी जगह बनाई है। पिछले दिनों रणजी ट्रोफी में केरल के खिलाफ यूपी को मुश्किल से निकालते हुए 63 रन बनाने वाले ध्रुव घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में भी धमाकेदार प्रदर्शन के चलते चयनकर्ताओं की पसंद बने। बीसीसीआई की चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर की अगुवाई में 16 सदस्यीय दल में ध्रुव के नाम पर मुहर लगाई है। हालांकि, ध्रुव जुरेल का यहां तक का सफर आसान नहीं रहा।

ध्रुव ने बताया था कि पिता नेम सिंह जुरेल की मंशा थी कि उनकी तरह ही बेटा रक्षा बल में देश की सेवा के लिए जाए या सरकारी नौकरी की तैयारी करे। 14 बरस की उम्र में आर्थिक तंगी और कहीं से भी सपोर्ट ना मिलने से मायूस होकर क्रिकेट छोड़ने की ठान ली थी। पर, ध्रुव की मां ने सोने की चेन बेचकर ध्रुव के लिए किट का इंतजाम किया।

भारत-ए में शामिल हैं ध्रुव

आगरा निवासी ध्रुव जुरेल अभी अहमदाबाद में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ दो दिवसीय वॉर्मअप टेस्ट में भारत-ए से खेल रहे हैं। हालांकि, क्रिकेट के दिग्गजों के मुताबिक ध्रुव को भारतीय टेस्ट कैप हासिल करने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। केएल राहुल और केएस भरत विकेटकीपर बैटर के तौर पर टीम में हैं। पर, युवा ध्रुव के पास रवींद्र जडेजा, रोहित शर्मा, विराट कोहली, अश्विन, बुमराह और केएल राहुल जैसे दिग्गजों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत सीखने का मौका रहेगा।

ध्रुव जुरेल इंडियन प्रीमियर लीग में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से उम्दा इनिंग और विकेट के पीछे प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। रेस्ट ऑफ इंडिया और अंडर-19 इंडिया-ए के लिए भी खेल चुके हैं। उन्होंने 15 फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 790 रन बनाए हैं। एक शतक और पांच अर्धशतक जड़े हैं। साथ ही 10 लिस्ट-ए के मैच भी खेल चुके है।

आगरा में ही सीखी क्रिकेट की बारीकियां

एक जनवरी, 2001 को जन्मे ध्रुव चंद जुरैल ने आगरा की स्प्रिंगल क्रिकेट अकैडमी में क्रिकेट की बारीकियां सीखीं। यूपी के लिए, 2020-21 सैयद मुश्ताक अली ट्रोफी पहली दफा खेली। यूपी से अपने टी-20 डेब्यू से पहले, उन्हें 2020 अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए भारत टीम में उप-कप्तान की जिम्मेदारी भी सौंपी जा चुकी है। पहले दो टेस्ट मैचों के लिए घोषित भारतीय टीम में रोहित शर्मा (कप्तान), जसप्रीत बुमराह (उप-कप्तान), शुभमन गिल, यशस्वी जयसवाल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), केएस भरत (विकेटकीपर), ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, मुकेश कुमार और आवेश खान को जगह मिली है।