आपदा में पीड़ित चकौता धारकों को मिले ममुआवजा।

लघु किसान कल्याण एकता का उच्चप्रतिनिधि मंडल प्रदेश प्रभारी कांति प्रकाश प्रदेश अध्यक्ष दलीप सिंह प्रदेश महासचिव रॉबट रॉय व अन्य सदस्य जिला उपायुक्त सोलन से मिले और आपदा के बारे में चर्चा की प्रदेश प्रभारी कान्ति प्रकाश ने कहा कि वर्ष 2023 हिमाचल के लिए बहुत ही दुखद भर रहा हिमाचल में बरसात के मौसम में रेड अलर्ट के दौरान चकौता धारकों के मकान मैं दरारें भी आई और अधिकांश लोगों के कच्चे व पक्के मकान गिरकर तबाह हो गए आजीविका कमाने वाली भूमि भी खत्म हो गई वह अधिकांश भूमि में दरारें आ गई जबकि बहुत सी जगह में भूमि नदी नालों में भी बह गई है घसिनियों के पौधे जिसमें औषधीय वह फलदार पौधे हमारे पुष्प दर पोस्ट बुजुर्गों ने लगाए थे उन पेड़ पौधों को इकट्ठे करके वन विभाग अपने कब्जे में ले रहे हैं जबकि यह पौधे हमारी आवंटित भूमि चकौता भूमि पर लगे हुए हैं इनकी भूमि पर फलदार पेड़ लगे हुए हैं आपसे अनुरोध है कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए आवंटित भूमि चकौता धारकों की जमीन ढह गई है अब काश्त करने योग्य यह भूमि नहीं रही और ढाक शबाड़ बन गई है माननीय महोदय उसके बदले उसे चाकोटा धारक को उतनी ही भूमि आपके द्वारा दी जाए ताकि यह चकौता धारक फिर से अपना गुर्जर बसर कर सके और जिनके मकान गिर गए हैं उन्हें मकान बनाने हेतु मुआवजा उपलब्ध करवाया जाए आपके जिला में जितने भी वन विभाग के कार्यालय आते हैं उन सभी विभागों के अधिकारियों को आदेश किया जाए की चीकोटा धारकों के पेड़ भले ही सूख गए हो भले ही हर हो उन पेड़ों को चकौता धारकों को दे दिए जाएं जब तक हमारी संस्था लघु किसान कल्याण एकता का सरकार के साथ कोई भी फैसला नहीं हो जाता तब तक आपके द्वारा जिले की सभी तहसीलों व उप तहसीलों जैसे की तहसील कंडाघाट, सोलन, कसौली, बद्दी, नालागढ़,अर्की,उप तहसील परवाणु, पंजेहरा, रामशहर,कुनिहार, ममलीग, दाड़लाघाट, कृष्णगढ़ के अंतर्गत वन विभागों द्वारा हमारी भूमि से पेड़ ले जाने पर इन विभागों पर रोक लगाई जाए कि हमारे चकौता भूमि से पेड़ न ले जा सके
प्रदेश अध्यक्ष दलीप सिंह ने कहा कि प्रदेश में व मेरी विधानसभा के अंतर्गत भी बहुत लोगों के मकान ध्वस्त हुए हैं और मेरा निजी मकान भी इस आपदा में नष्ट हो गया है
जिला भर में जिन लोगों के मकान, गौशाला व गाय की मृत्यु हो चुकी है उनका मुआवजा भी व गौशाला बनाने के लिए भूमि दिया जाए
तहसील नालागढ़ अध्यक्ष रत्न सिंह ने कहा कि नालागढ़ के अंतर्गत बहुत भारी नुकसान हुआ है जबकि इस आपदा में कई लोगो के घरों का पता भी नही चल रहा मिट्टी मे दब गए हैं और पहाड़ के नीचे गीर गए और उपजाऊ भूमि के खेत भी दरारों से टूट गए हैं इस मौके पर शारदा,कमला, मीना, रमेश,पूरन चंद,गंगा राम,अमर सिंह,सोहन लाल, प्रेम चंद,मोहन, तीर्थ राम , राजेंद्र कुमार व अन्य लोग उपस्थित रहे