मानसूनी वर्षा के बीच स्कूल जाना बच्चों के लिए काफी असुरक्षित होता है। लिहाजा स्कूली छात्र बरसात की छुट्टियों का इंतजार करते हैं। ग्रीष्मकालीन स्कूलों में छात्रों को मानसून ब्रेक दिया जाता है, जो एक माह से अधिक समय तक चलता है। इस बार मानसून ब्रेक 38 दिनों का रहेगा।
उच्च शिक्षा निदेशालय के मुताबिक प्रदेश के ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले स्कूलों में 22 जून से 29 जुलाई तक बरसात की छुट्टियां होंगी। छुट्टियां का ये शेड्यूल हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा, ऊना समेत अन्य मैदानी इलाकों के स्कूलों के लिए रहेगा। वहीं कुल्लू जिला में 23 जुलाई से 14 अगस्त, लाहौल-स्पीति जिला में 17 जुलाई से 27 अगस्त और शीतकालीन स्कूलों के तहत किन्नौर में 22 से 27 जुलाई तक बरसात की छुट्टियां रहेंगी
बता दें कि प्रदेश में मानसून हर साल 25 जून के आसपास दस्तक देता है। मानसून के एक्टिव रहने के दौरान मैदानी भागों में खूब वर्षा होती है। अक्सर बरसात के दिनों में सड़कों के अवरुद्ध होने की वजह से लोगों खासकर स्कूली बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। मानसून सीजन में जगह-जगह भूस्खलन, पेड़ गिरने और पेयजल व बिजली आपूर्ति बाधित होने से सामान्य जनजीवन प्रभावित होता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक राज्य में 19 जून से प्री मानसून की बारिश का दौर शुरू होगा।
प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने बरसात की छुट्टियों के शेड्यूल में बदलाव न करने की उठाई मांग
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने राज्य सरकार से 22 जून से ही बरसात की छुट्टियां देने और इस शेड्यूल में कोई फेरबदल न करने का आग्रह किया है। संघ के अध्यक्ष लोकेंद्र नेगी का कहना है कि मॉनसून ब्रेक के संदर्भ में स्कूल प्रवक्ता संघ ने इसी वर्ष मार्च महीने में शिक्षा विभाग को ज्ञापन सौंपा था। इसमें आग्रह किया गया था कि मानसून ब्रेक 15 जुलाई से शुरू होनी चाहिए लेकिन अभी तक इसके ऊपर कोई निर्णय नहीं लिया गया।
उन्होंने कहा है कि प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ का यह मानना है कि वर्तमान में जब छुट्टियों के लिए लगभग चार और पांच दिन का समय बचा है तो पुराने शेड्यूल के तहत ही छुट्टियां 22 जून से होनी चाहिए क्योंकि बहुत सारे अध्यापक और अभिभावकों ने अपने निजी कारणों से इसी शेड्यूल के तहत अपने कार्यक्रम निर्धारित किए हैं। उन्होंने कहा है कि वर्तमान सत्र में किसी तरह का बदलाव न किया जाए और जो भी बदलाव हो, वह अगले सत्र से लागू किया जाए।