सोलन की आन्या ठाकुर उन युवतियों के लिए प्रेरणास्रोत है जो जीवन में आने वाली कठिनाइयों से परेशान और हताश है। ऐसा हम इस लिए कह रहे है क्योंकि 15 वर्षीय आन्या दुर्घटना का शिकार हुई और उस दुर्घटना में शिवानी का हाथ कट गया। लेकिन उसके बावजूद भी अन्या ने हार नहीं मानी और आज वह हिमाचल को नहीं बल्कि साउथ कोरिया में वह देश का प्रतिनिधित्व कर रही है। आप को जानकर हैरानी होगी कि हिमाचल से वह अकेली खिलाड़ी है जो इस ट्रेनिगं कैम्प में भाग ले रही है। साउथ कोरिया में उन्हें यूरोप में होने वाली पैरा ओलम्पिक में भाग लेने के लिए स्किंग की बारीकियां सिखाई जा रही है। जहाँ आन्या बेहद पसीना बहा रही है वहां के खिलाड़ी और कोच भी आन्या की हिम्मत और हौंसले को देख कर दंग है। वह अन्य खिलाड़ियों का डट कर मुकाबला कर रही है। आन्या सोलन के धर्मपुर की रहने वाली है और उनकी माता शिवानी ठाकुर है जो चीफ फार्मासिस्ट है और पिता जितेंद्र ठाकुर एल्कोहल डिस्टलरी में मैनेजर है। जो आज अपनी बेटी की उपलब्धि पर बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे है।
आन्या के पिता जितेंद्र ठाकुर सिंह ने कहा कि उनकी दो बेटियां है एक बेटी आर्य ठाकुर एमबीबीएस कर रही है तो दूसरी बेटी साउथ कोरिया में हिमाचल का प्रतिनिधित्व कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटियां बेटों से बढ़ कर है और आज उन्हें अपनी बेटियों पर बेहद गर्व है। उन्होंने बताया कि आन्या ठाकुर के सामने बहुत बड़ी बड़ी चुनौतियाँ आई और वह हादसे का शिकार भी हुई लेकिन उनकी बेटी ने हार नहीं मानी और जीवन में आई चुनौतियों को स्वीकार किया और उन्हें पछाड़ते हुए अपने आप को साबित किया। यही वजह है कि आज वह छोटी सी उम्र में ही कामयाबी की दहलीज पर खड़ी है। उन्होंने बताया कि कोरिया में ड्रीम प्रोग्राम चल रहा है इस कार्यक्रम में भारत के केवल दो खिलाड़ियों का चयन किया गया है जिसमें से एक उनकी बेटी है। उन्होंने बताया कि साउथ कोरिया में खिलाड़िओं को यूरोप में होने वाली पैरा ओलम्पिक के लिए तैयार किया जा रहा उन्हें आवश्यक टिप्स दिए जा रहे है। वह अपनी बेटी की उपलब्धि से बेहद खुश है।