हिमाचल प्रदेश के विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में भक्तों की आस्था देखते ही बनती है। मां के दरबार में हर समय भक्तों का तांता लगा रहता है। पिछले दिनों हिमाचल में हुई भारी बारिश के चलते भक्तों की भीड़ मानों थम सी गई थी मंदिर सुने पड़े थे। लेकिन सावन मास के आगमन से मां के दरबार में फिर से रौनक शुरू हो गई है।
सावन के दिनों में झूले की प्रथा काफी समय से चली आ रही है। शक्तिपीठ मां नैना देवी को भी इस झूले में झुलाकर भक्तों द्वारा माता की सेवा की जाती है। इस बार भी पंजाब के श्रद्धालुओं ने सावन के झूले डाले व सभी श्रद्धालुओं ने माता को झूला झुलाया, जिसे पंजाबी भाषा में पिंग भी कहा जाता है।
कहते हैं कि माता सावन के महीने में झूला झूलती है और श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा व विश्वास के साथ माता के दरबार में झूले डालते हैं। यह झूला माता के प्राचीन मंदिर में पीपल के पेड़ पर डाला जाता है, ताकि माता की कृपा हमेशा उन पर बनी रहे और वह हर वर्ष इसी प्रकार माता के दरबार में झूले डालते रहे। श्रावण के महीने में माता के दरबार में जहां श्रद्धालुओं की भीड़ लग जाती है। वहीं माता के दरबार में श्रद्धालु पंजाब से भारी संख्या में पहुंच कर माता के झूले डाल उनका शुभ आशीर्वाद प्राप्त करके अपने घरों को लौटते हैं।