सरकार व लोगों के हित में नहीं स्मार्ट मीटरिंग, रद्द की जाए टेंडरिंग प्रक्रिया

 प्रदेश सरकार से ओल्ड पेंशन बहाली की मांग कर रहे विद्युत विभाग के कर्मचारी अब आर-पार की लड़ाई में सामने आ गए हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार को सुंदरनगर में एक जिला स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया। यूनियन ने विभाग में ओपीएस बहाली और प्रदेश में स्मार्ट मीटरिंग का जोरदार विरोध किया।

जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महासचिव हीरालाल वर्मा ने कहा कि प्रदेश बिजली बोर्ड में अभी तक पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं हुई है। विभाग के कर्मचारियों का एनपीएस शेयर बीते 2 माह से काटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार भी विद्युत विभाग के कर्मचारियों का एनपीएस शेयर काटे जाने की संभावना है, जिसको लेकर कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।

हीरालाल शर्मा ने कहा कि ओपीएस बहाली को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ यूनियन की वार्ता हुई है। यूनियन को उम्मीद है कि प्रदेश सरकार विभाग के कर्मचारियों के लिए जल्द ही ओपीएस बहाल करेगी। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग में आजकल अस्थाई मैनेजमेंट है। विभिन्न पदों पर तैनात अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जिस कारण प्रदेश के लगभग सभी 16 हजार कर्मचारी परिवार सहित प्रभावित हो रहे हैं।

प्रदेश महासचिव हीरा लाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में शुरू की जा रही स्मार्ट मीटरिंग से प्रदेश सरकार पर 3 हजार करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। इस मीटरिंग सिस्टम को लेकर केंद्र सरकार से मात्र 390 करोड़ की ग्रांट आएगी। इससे प्रदेश सरकार के साथ-साथ उपभोक्ताओं पर भी अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके तहत दिए गए टेंडरों को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए। स्मार्ट मीटरिंग व्यवस्था प्रदेश के लोगों के हित में नहीं है।

इस मौके पर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा, सह सचिव संदीप जम्वाल, सुंदरनगर यूनिट के अध्यक्ष कनव राणा, सचिव रमेश शर्मा,प्रदेश उपाध्यक्ष मुनी लाल,दलीप उप प्रधान मिनिस्ट्रियल, राज्य कार्यकारिणी के समस्त सदस्य मौजूद रहे।