हर्बल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स से धूम मचाने वाली शहनाज हुसैन आज ब्यूटी इंडस्ट्री का जाना माना नाम हैं. शहनाज हुसैन आज खुद ही एक ब्रांड बन चुकी हैं. आज वह बेशक एक सफल महिला उद्यमी हैं लेकिन यहां तक पहुंचने का सफर उनके लिए आसान नहीं रहा. अपने घर के बरामदे से ब्यूटी प्रोडक्ट बेच कर उन्होंने अपना नाम बनाया है.
15 की उम्र में हो गई शादी
मात्र 14 साल की उम्र में शहनाज की सगाई और 15 की उम्र में उनकी शादी हो गई थी. जिस उम्र में हाथों में किताबें होनी चाहिए थीं उस उम्र में उनके कंधों पर घर की जिम्मेदारी आ गई. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और ये फैसला किया कि वह कुछ कर के दिखायेंगी. उन्होंने अपने लिए हर्बल और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट का रास्ता चुना. खुद अपने हाथों से प्रोडक्ट बना कर उन्होंने इसे पूरी दुनिया में मशहूर किया. कहा जाता है कि पद्मश्री सम्मान से सम्मानित शहनाज हुसैन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भी दोस्त रही हैं.
फिर लिया बड़ा फैसला
शादी के बाद घर की जिम्मेदारी शहनाज के ऊपर थी लेकिन उन्होंने जिम्मेदारी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और फैसला किया कि वह केवल एक गृहणी बन कर नहीं रहेंगी. इस फैसले के बाद उन्होंने अपने पिता जस्टिस नासिर उल्ला बेग, जो उन दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस थे, की मदद से रुबिनस्टीन स्कूल में दाखिला लिया. ब्यूटी टेक्नीक्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने जर्मनी में इसी से जुड़े कोर्स किए. इसके बाद वह भारत लौट आईं और उन्होंने अपनी कॉस्मेटिक फर्म शुरू की.
भारत लौट घर के बरामदे में शुरू किया बिजनेस
शहनाज के बिजनेस की शुरुआत किसी बड़े स्टोर से नहीं हुई बल्कि उन्होंने अपने घर के बरामदे से ही ने प्रोडक्ट बेचना शुरू किया. तब उन्हें भी कहां यकीन था कि उनका बिजनेस इतना सफल हो जाएगा कि सारी दुनिया उन्हें जानेगी. लेकिन उनकी मेहनत समय के साथ रंग दिखाने लगी और देखते ही देखते वह ब्यूटी इंडस्ट्री का जाना-माना नाम बन गईं. अब सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के देशों में उनके ब्यूटी प्रोडक्ट्स बिकते हैं.
1971 में शहनाज भारत लौटीं और अपना पहला हर्बल क्लीनिक खोला. इसके बाद उन्होंने ‘द शहनाज हुसैन ग्रुप’ की शुरुआत की. बिजनेस वर्ल्ड में कई सम्मान से नवाजी जा चुकी शहनाज को 2006 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.