Bank Locker: पिछले कुछ वर्षों से लोगों के बीच अमीरी बढ़ी है। लोग गहने-जेवर भी ज्यादा खरीद रहे हैं। मकानों से चोरी और डकैती तो थमी है नहीं। ऐसे में लोग लॉकर में ही गहने रखते हैं। तब भी लोग तेजी से बैंक लॉकर क्यों बंद करा रहे हैं?
हाइलाइट्स
- एक सर्वे से पता चला है कि बैंक लॉकर को तेजी से लोग बंद करा रहे हैं
- बैंक लॉकर अग्रीमेंट साइन करनी की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है
- 36% यूजर्स ने बैंक लॉकर बंद कर दिए हैं
- 56% लॉकर होल्डर्स इसे बंद करने का प्लान बना रहे हैं
- शॉपिंग- मेगा इलमुंबई : बैंक में सुरक्षित लॉकर (Safe Locker) के लिए नए नियम एक जनवरी 2024 से लागू हो रहे हैं। इससे पहले बैंक कस्टमर को कागजी कार्रवाई के लिए जरूरी केवाईसी डॉक्यूमेंट (KYC Documents) के साथ ब्रांच बुला रहे हैं। वहीं, एक सर्वे के अनुसार काफी लॉकर होल्डर्स बढ़ी हुई परेशानियों और चार्ज बढ़ने के कारण इसे बंद करने के बारे में सोच रहे हैं। लोकल सर्कल्स (Local Circles) के सर्वे के मुताबिक काफी लोग लॉकर बंद करने का फैसला भी कर चुके हैं। कुछ ग्राहक ऐसे भी हैं जो लॉकर का साइज कम करने की योजना भी बना रहे हैं।
नए एग्रीमेंट साइन करने होंगे
आरबीआई के अनुसार ग्राहकों को 31 दिसंबर तक लॉकर के लिए अपने बैंक के साथ नए एग्रीमेंट पर साइन करने होंगे। लॉकर फीस में इजाफा होने के कारण पिछले तीन सालों में सर्वे में शामिल 56 फीसदी लॉकरहोल्डर्स ने या तो इसे छोड़ दिया है या जल्द बंद करने की सोच रहे हैं। कुछ बैंक ग्राहक या छोटे आकार के लॉकर में स्थानांतरित होने की योजना बना रहे हैं। सर्वे के मुताबिक जब लोगों से यह पूछा गया कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? तो ज्यादातर का जवाब था कि बैंक KYC के बहुत सारे डॉक्यूमेंट्स मांग रहे हैं और लगातार लॉकर में रखने के लिए रेंट बढ़ाते जा रहे हैं।
क्या पता चला सर्वे में
लोकर सर्किल का यह सर्वे देश के 218 जिलों में किया गया था। इसमें 23,000 लोग शामिल हुए थे। इस सर्वे में पता चला कि पिछले दिनों-
36% यूजर्स ने बैंक लॉकर बंद कर दिए हैं
16% यूजर्स ज्यादा रेट के साथ पैसे का पेमेंट कर रहे हैं
16% यूजर्स छोटे साइज के लॉकर में ट्रांसफर हो जाएंगे
56% लॉकर होल्डर्स इसे बंद करने का प्लान बना रहे हैं
क्या है बैंक लॉकर के लिए नया नियम
नए अग्रीमेंट के तहत, कंटेंट और सेफ सामान रखने के लिए बैंकों की जिम्मेदारी को फिर से समझाया गया है। बैंक अब पट्टेदार (lessors) के रूप में काम करते हैं और ग्राहक लीज पर लेने वाला होता है। इसके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें अधिकार, ड्यूटी, लॉकर रेंट और अन्य आवश्यक चीजों के बारे में बताया जाता है। लापरवाही के कारण होने वाले नुकसान के लिए बैंक की देनदारी सालाना लॉकर रेंट से 100 गुना तक हो सकती है। नए नियम में अवैध और खतरनाक सामग्रियों को छोड़कर, लॉकर में आभूषण और डॉक्यूमेंट्स को रखा जा सकता है।
कुछ बैंकों के लॉकर चार्ज
भारतीय स्टेट बैंक : SBI ने छोटे, मीडियम, लार्ज और एक्स्ट्रा लार्ज के रूप में बैंक लॉकर्स को बांटा है, जिसमें सालाना लॉकर किराया 1,500 रुपये से 9,000 रुपये तक होता है। रेंट की रकम लॉकर की साइज और कैटेगरी पर निर्भर करती है।
HDFC Bank: बैंक का एक्स्ट्रा स्मॉल लॉकर 1,350 रुपये से शुरू होता है और एक्स्ट्रा लॉर्ज साइज के लॉकर के लिए 20,000 रुपये तक लॉकर रेंट चार्ज किया जाता है