भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने आज एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया। उन्होंने बताया कि भाजपा हिमाचल प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व मंत्री आर डी कश्यप की अगुवाई में आज शिमला में चुनाव आयोग से मिला। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व रिटायर्ड आईएएस जे सी शर्मा और पूर्व मेयर कुसुम सदरेट भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को एक मेमोरेंडम सौंपा, जिसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा प्रचार में लगाए गए आरोपों की कड़ी निंदा की गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि 55 लाख रुपये पकड़े गए है, जो कि निराधार, गलत और तथ्यों से परे है।
कर्ण नंदा ने अपने बयान में कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू राजनीतिक वातावरण को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें चुनाव में अपनी हार का आभास हो रहा है। भाजपा का मानना है कि मुख्यमंत्री का यह बयान केवल जनता का ध्यान भटकाने के लिए है। भाजपा ने चुनाव आयोग से मांग की है कि यदि 55 लाख रुपये की सामग्री का आरोप सही है, तो मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि वह राशि किस होटल से प्राप्त हुई और किस सरकारी खाते में जमा की गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी झूठ की राजनीति कर रही है और केवल वोट बटोरने की कोशिश में जुटी है। भाजपा ने चेतावनी दी है कि अगर ये आरोप सिद्ध नहीं होते हैं, तो भाजपा उग्र रुख अपनाएगी और कानूनी नोटिस जारी करेगी।
भाजपा ने मुख्यमंत्री से सार्वजनिक माफी की मांग की है और कहा है कि अगर आरोप सिद्ध नहीं होते हैं तो मुख्यमंत्री को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।