मामूली कहासुनी पर क्यों आपा खो रहे बच्चे? फुटओवर ब्रिज से फेंका; तड़प कर हो गई छात्र की मौत .

अपडेटेड दिसम्बर 21st, 2023 को 14:12 IST

मामूली कहासुनी पर क्यों आपा खो रहे बच्चे? फुटओवर ब्रिज से फेंका; तड़प कर हो गई छात्र की मौत

दिल्‍ली के हर्ष विहार में फुटओवर ब्रिज पर स्‍कूली छात्रों ने 9वीं के एक छात्र को रोका और तबतक पीटा जबतक दिल नहीं भरा।

 

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Criminal Tendency Increase in Minors: दिल्‍ली के हर्ष विहार में फुटओवर ब्रिज पर स्‍कूली छात्रों ने 9वीं के एक छात्र को रोका और तबतक पीटा जबतक दिल नहीं भरा। जितना गुस्‍सा था सबने मिलकर उस पर उतारा। इसके बाद छात्रों ने उसे फुटओवर ब्रिज से नीचे फेंक दिया जिससे उसकी मौत हो गई। उसके शरीर की कई हड्डियां टूट गई थीं। घटना के बारे में जिसने भी सुना दंग रह गया। सोच में पड़ गया कि कहां से आई इन नाबालिगों में इतनी हिम्मत? यकीन मानिए आप भी सन्‍न हो जाएंगे ये जानकर कि क्‍लास में हुई मामूली कहासुनी को लेकर छात्रों ने इस वारदात को अंजाम दे डाला।

सबसे पहले घटना के बारे में जान लीजिए

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दिल्‍ली के वजीराबाद रोड पर मंडोली जेल के पास बुधवार दोपहर फुटओवर ब्रिज पर स्कूली छात्रों के बीच झगड़ा हो गया। झगड़ा इतना बढ़ गया कि नौवीं कक्षा के एक छात्र को साढ़े पांच मीटर ऊंचे फुटओवर ब्रिज से सड़क पर नीचे फेंक दिया। इसके बाद आरोपित फरार हो गए। गंभीर हालत में छात्र को जीटीबी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां डॉक्टर्स ने राकेश (15) को मृत घोषित कर दिया। हर्ष विहार थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। मृतक के परिजनों ने छात्रों पर हत्या का आरोप लगाया है।

घटना से ताजा हुई बिरयानी के लिए कत्ल की वारदात

दिल्ली के इस मामले ने ठीक एक महीने पहले वलेकम इलाके में हुए एक दर्दनक वारदात की याद दिला दी। एक लड़के ने दूसरे लड़के पर चाकू से 60 वार किए। पूरे शरीर को गोद डाला। हाथ पैर, गला, छाती हर तरफ खून-खून कर दिया। लाश को घसीटकर दूसरी तरफ फेंक दिया। ये भयानक मर्डर किसी शातिर अपराधी ने नहीं किया बल्कि दिल्ली के एक 16 साल के लड़के ने अंजाम दिया था। उसने एक अनजान लड़के को सिर्फ इसलिए मार दिया क्योंकि उस लड़के ने उसे 350 रुपये नहीं दिए। वो बिरयानी खाने के लिए उससे 350 रुपये मांग रहा था। सोचिए पहले से कोई दुश्मनी नहीं, उस लड़के ने इसके साथ कुछ किया नहीं, लेकिन फिर उसने ऐसी भयानक मौत दी।

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नाबालिगों में बढ़ता जुर्म का ट्रेंड

सोचिए जिस उम्र में बच्चे पढ़ाई-लिखाई करते हैं, अपना करियर बनाने की सोचते हैं, उस उम्र में ये बच्चे क्यों जुर्म की दुनिया की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे और भी कई मामले सामने आए हैं जहां नाबालिग ऐसे अपराधों को अंजाम दे देते हैं जो साधारण नहीं होते। आखिर क्यों टीनएजर्स में जुर्म की मानसिकता बढ़ रही है।

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ऑनलाइन गेमिंग और लोगों से मेलजोल कम होना मुख्‍य वजह

मनोचिकित्सकों की मानें तो अपराध करने के लिए कोई भी व्यक्ति या बच्चा एक दिन में तैयार नहीं होता है। यह एक सालों की प्रक्रिया है, जिसके तहत मन में वेश व क्रोध को जगह मिलती है। यही वजह है कि बच्चों में सामाजिक सौहार्द व समरसता खत्म हो रही है। बच्चा वही सिखता है, जो उसके आसपास घटित होता है। कोरोना काल में बच्चों की मनोदशा पर अधिक प्रभाव पड़ा है। इसकी वजह है ऑनलाइन गेमिंग व मेलजोल का कम होना। बच्चे आजकल मोबाइल पर ऑनलाइन गेमिंग में अधिक व्यस्त हैं। इसमें भी बच्चों को आक्रोश वाले गेम अधिक पसंद हैं, जिससे बच्चों की मनोदशा बदलती है।

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