मांझी 2.0: चट्टान काटकर 1500 फीट तक बना दीं सीढ़ियां ताकि आसानी से हो सकें भोलेनाथ के दर्शन

बिहार के गहलौर गांव के रहने वाले दशरथ मांझी को हम सभी याद करते हैं, जिन्होंने अकेले ही केवल हथौड़े और छेनी की मदद से 25 फीट ऊंची पहाड़ी को काट कर 30 फुट चौड़ा और 360 फुट लंबा रास्ता बना दिया था. उनके इस प्रयास ने ग्रामीणों को एक ऐसी सड़क दी जिससे उनका बहुत समय बचने लगा. बाद में उनके जीवन पर एक फिल्म भी बनी जिसका नाम था मांझी- द माउंटेन मैन.

मांझी 2.0 कौन हैं?

bihar man The New Indian

अब बिहार के एक और शख्स ने कुछ ऐसा ही किया है और अब उन्हें ‘मांझी 2.0’ कहा जा रहा है. हाल ही में, बिहार के एक व्यक्ति ने अपने हाथों से एक पहाड़ पर 400 सीढ़ियां तराशीं हैं, जो एक मंदिर की ओर ले जाती हैं. शख्स की पहचान गनौरी पासवान के रूप में हुई है और वह जारू बनवारिया गांव का रहने वाला है. कहा जा रहा है कि उन्होंने पहाड़ पर बाबा योगेश्वर नाथ मंदिर की ओर जाने वाली सीढ़ियां बनाने के लिए आठ साल तक काम किया है. उन्होंने हथौड़े और छेनी जैसे बुनियादी उपकरणों का उपयोग करके ही सीढ़ियां बनाईं.

पहाड़ काट कर बना दी सीढ़ियां

paswanaThe New Indian

रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके इस काम में मदद करने के लिए कभी-कभार उनके दोस्त और परिवार वाले भी शामिल हो जाते थे. ऐसा करने का विचार उनके मन में तब आया जब उन्होंने गौर किया कि जारू बनवारिया गांव में योगेश्वर नाथ मंदिर में दर्शन के दौरान जहानाबाद के लोगों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. बुजुर्ग नागरिकों

paswan, बच्चों और विकलांग लोगों के लिए यह यात्रा विशेष रूप से कठिन थी.

“इससे बहुत खुशी मिली”

paswanThe New Indian

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पासवान ने कहा कि उन्हें अपने काम के दौरान कई छोटी मूर्तियां मिलीं. उन्होंने कहा कि “मुझे नहीं पता कि मुझे यह सब धैर्य और ऊर्जा कहां से मिली, यह मुझे कभी भी एक काम की तरह नहीं लगा. मैं पूरे दिन काम करते हुए खुशी-खुशी पहाड़ में खो जाता. मैं बस बाबा भोलेनाथ के भक्तों के लिए उन तक आसानी से पहुंचना आसान बनाना चाहता था.”

पासवान को जिस एक चुनौती का सामना करना पड़ा, वह थी सीढ़ियों को तराशते हुए साल के अधिकांश समय में अपने परिवार से दूर रहना.