किरतपुर-मनाली फोरलेन के क्षतिग्रस्त भाग के डिजाइन में बदलाव किया जाएगा। इसके लिए एनएचएआई (NHAI) यानी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा आईआईटी के साथ एमओयू (MOU) साइन किया जा रहा है। इस एमओयू को साइन करने के बाद इसके नए डिजाइन पर काम शुरू होगा और फिर उसी आधार पर इसकी नई डीपीआर (DPR) बनाकर मंजूरी के लिए मंत्रालय को भेजी जाएगी।
बता दें कि मंडी से मनाली तक भारी बारिश, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं के कारण फोरलेन को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा है। कहीं-कहीं पर तो फोरलेन का नामोनिशां ही मिट गया है। ऐसे में अब यहां पर फोरलेन को उसके मौजूदा स्थान पर फिर से बना पाना संभव नहीं है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरूण चारी ने बताया कि आईआईटी के साथ एमओयू साइन करके डिजाइन में बदलाव किया जा रहा है।
आईआईटी की मदद इसलिए ली जा रही है, ताकि भविष्य में फोरलेन को और ज्यादा सुरक्षित तरीके से बनाया जा सके। आईआईटी के साथ एमओयू साइन होने के बाद पूरी डीपीआर बनाई जाएगी और उसे मंजूरी मिलते ही इस कार्य को शुरू कर दिया जाएगा। किरतपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट का कार्य जून 2024 तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब इस कार्य को पूरा होने में कम से कम दो वर्षों का अतिरिक्त समय लग जाएगा।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरूण चारी ने बताया कि किरतरपुर से मनाली तक 190 किलोमीटर के भाग पर मंडी से मनाली के बीच फोरलेन को भारी क्षति पहुंची है। यहां पर 20 किलोमीटर के भाग में फोरलेन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ था, जिसमें से 11 किमी के भाग को रिस्टोर कर लिया गया है, जबकि 9 किमी के भाग को रिस्टोर करना अभी बाकी है और यह कार्य लगातार प्रगति पर है।
उन्होंने बताया कि एनएचएआई की चार सदस्य टीम यहां का दौरा करके गई है। उन्होंने प्राथमिक रिपोर्ट में कुछ सुझाव दिए हैं और उन सुझावों पर भी आईआईटी के साथ होने वाले एमओयू के तहत ही कार्य किया जाएगा।