‘भारत संकल्प यात्रा’ के तहत 14000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हिक्किम में लगाया जागरूकता शिविर

हिमाचल प्रदेश में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के अंतर्गत यह यात्रा 14000 फुट से ऊपर स्पीति घाटी के दुर्गम पंचायत लँगचा के हिक्किम एवं चिचम गाँव पहुंची। इन ग्राम पंचायतों में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया। कड़ाके की ठंड के बावजूद लोग केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी लेने के लिये यहां पहुंचे। शिविर के दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा लोगों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की बारीकी से जानकारी प्रदान की गई।

इन शिविरों में मुफ्त हेल्थ चेकअप स्टाल भी लगाए गए और बहुत सारे लोगों द्वारा अपना हेल्थ चेकअप इन स्टॉलों पर करवाया गया जागरुकता शिविर के दौरान लोगों ने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने हेतु अपना योगदान देने की शपथ भी ग्रहण की। लोगों ने स्पीति के विकास के लिए धन उपलब्ध कराने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया।

इसी प्रकार जिला चंबा के ब्लॉक भरमौर की ग्राम पंचायत जगत और रुणूकोठी में आज विकसित भारत संकल्प यात्रा” के संबंध में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आए लोगों को केंद्रीय सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। इस यात्रा के दौरान लोगो को ड्रोन खेती-बाड़ी व सामान/ दवाइयां पहुंचाने में इसके उपयोग के बारे में प्रदर्शित किया गया।

इस यात्रा के दौरान जिला चंबा के ब्लॉक भरमौर की ग्राम पंचायत कुठेर के रहने वाली सारिका शर्मा, रसपाल और दलीपा राम ने केंद्र सरकार की योजनाओं, जैसे उज्ज्वला योजना, जल जीवन मिशन, पीएम किसान निधि योजना आदि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया।

राष्ट्रव्यापी “विकसित भारत संकल्प यात्रा” की शुरुआत 15 नवम्बर की गई। यह यात्रा हिमाचल के तीन जनजातीय बहुल ज़िला- चम्बा, किन्नौर और लाहौल स्पीति में निकाली जा रही है। भारत विकास संकल्प यात्रा वाहन 15 दिनों में तीनों जिलों की 109 जनजातीय बहुल ग्राम पंचायतों से होकर गुज़रेगे। इस यात्रा का उद्देश्य उन लोगों तक पहुंचाना है, जो सरकारी योजनाओं से वंचित हैं।

साथ ही यात्रा का उद्देश्य लोगों में स्वच्छता सुविधाएं, आवश्यक वित्तीय सेवाएं, बिजली कनेक्शन, एलपीजी सिलेंडर, स्वच्छ पेयजल, गरीबों के लिए आवास, खाद्य सुरक्षा, उचित पोषण, स्वास्थ्य योजना इत्यादि जैसी कल्याणकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाना और इनका लाभ वंचितों को प्रदान करवाना है।

इस अभियान में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में नामांकन; छात्रवृत्ति योजनाएं; वन अधिकार स्वामित्व: व्यक्तिगत और सामुदायिक भूमि; वन धन विकास केन्द्र: स्वयं सहायता समूहों को संगठित करने जैसी जनजातीय क्षेत्रों की विशिष्ट चिंताओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है।