ये बच्चे ही हैं जिनसे परिवार के हालत सुधारने की उम्मीद लगाई जा सकती है. एक मजदूर पिता इसी उम्मीद में मेहनत करते हुए अपने बच्चों को पढ़ाता है कि एक दिन वे अफसर बन कर उनके दिन सुधारेगे. अगर बच्चे अपने माता पिता की इस उम्मीद को समझ जाएं तो अपना पूरा जोर लगा देते हैं पढ़ाई में और जब इसका परिणाम सामने आता है तो खुशी कुछ वैसी ही होती है जैसी बागपत के इस परिवार में अभी देखी जा रही है.
गरीबी से लड़कर भाई बहन ने पाई सरकारी नौकरी
दरअसल, बागपत में एक भाई-बहन ने विपरीत परिस्थितियों से लड़कर सफलता पाई है और अपने परिवार को गरीबी के अंधकार से निकाल कर खुशियों की रोशनी नसीब कराई है. इन बच्चों के पिता के साथ जब एक हादसा हुआ तो पूरे परिवार के जीवन में अंधेरा छा गया. लेकिन अब परिवार के बेटा-बेटी ने मेहनत के दम पर सरकारी नौकरी प्राप्त कर अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है. परिवार की आर्थिक स्थिति नाजुक होने के बाद भी कठिन दौर से गुजरते हुए परिवार के बेटे ने उत्तर प्रदेश पुलिस में स्थान प्राप्त किया है और सिपाही के पद पर तैनात हुए. वहीं उनकी बहन भी नर्स के पद पर चयनित हुई है
हादसे में पिता ने खो दी आंखों की रोशनी
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, बागपत कस्बे के रहने वाले इस भाई-बहन के के पिता रामचंद्र ने एक हादसे में अपनी आंखों की रोशनी खो दी. जिसके बाद मां द्रोपती देवी ने अपने परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी उठाई. वेटे विकास कुमार और बेटी ज्योति दोनों की जिम्मेदारी उनकी मां द्रोपती देवी ने बखूबी निभाई. उनकी मां ने दूसरों के कपड़े धोने का काम कर अपने दोनों बच्चों की परवरिश में किसी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ी.
मां के काम में बटाया हाथ
विकास कुमार की मां द्रोपती देवी का कहना है कि उनके बच्चों ने हमेशा उनके काम में उनका हाथ बटाया है. जब वह लोगों के कपड़े धोने काम करती थीं तब उनके दोनों बच्चे उनके साथ काम करते थे. विकास घर-घर जाकर कपड़े लाता था और धुलाई व प्रेस करने के बाद घर-घर वापस पहुंचाता था. धुलाई में उसकी बहन ज्योति अपनी मां की मदद करती थी. अपनी मां का काम करने के बाद दोनों बच्चे स्कूल जाते थे.
विकास कुमार के सिपाही के पद पर और उनकी बहन के सरकारी नर्स के पद पर चयनित होने के बाद परिवार के साथ स्थानीय लोगों ने भी उनका उत्साहवर्धन किया. स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी कड़ी मेहनत करके बच्चे कामयाब हुए हैं. पूरे कस्बा और जनपद का नाम रोशन किया है. विकास कुमार कहते हैं कि अगर कड़ी मेहनत से किसी भी काम की तैयारी की जाए तो हर तरह की स्थिति में सफलता मिलना निश्चित है. उन्होंने कहा कि उनकी सफलता का श्रेय उनकी मां माता द्रोपती देवी और गुरु अमित विकल को जाता है.