परीक्षा 90 सेकेंड पहले ख़त्म हुई तो छात्रों ने किया सरकार पर केस
दक्षिण कोरिया में छात्रों का एक समूह सरकार पर मुक़दमा कर रहा है. इस मुक़दमे की वजह है कॉलेज एडमिशन के लिए आयोजित की गई प्रवेश परीक्षा अपने निर्धारित समय से 90 सेकेंड पहले ख़त्म कर दी गई.
ये छात्र मुक़दमे के जरिए सरकार से 20 मिलियन वॉन के मुआवजे की मांग कर रहे हैं. ये रकम 15,400 डॉलर के बराबर है. भारतीय मुद्रा में ये लगभग 13 लाख रुपये के करीब है. दक्षिण कोरिया में किसी छात्र को इस परीक्षा के लिए फिर से तैयारी करने में इतना ही खर्च आता है.
उनके वकील ने बताया कि इस ग़लती से छात्रों की परीक्षा प्रभावित हुई है. दक्षिण कोरिया के कॉलेज एडमिशन टेस्ट को देश में सुन्युंग कहा जाता है. आठ घंटों तक चलने वाली इस मैराथन परीक्षा की आलोचना भी होती रहती है. इसमें कई विषयों का एक-एक करके टेस्ट लिया जाता है.
सुन्युंग को दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है और इसमें छात्रों का काफी कुछ दांव पर लगा होता है. इस परीक्षा की अहमियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सुन्युंग के नतीजे यूनिवर्सिटी में दाखिले से लेकर नौकरियों और भविष्य के रिश्तों तक को प्रभावित करते हैं.
सालाना होने वाली इस परीक्षा पर छात्र फोकस कर सकें, और उनका ध्यान न भटके, इसके लिए कई कदम उठाए जाते हैं. जैसे देश का एयरस्पेस बंद कर दिया जाता है और स्टॉक मार्केट के खुलने का समय आगे बढ़ा दिया जाता है. इस साल सुन्युंग के नतीजे आठ दिसंबर को जारी किए गए.
मंगलवार को दायर किए गए इस मुक़दमे में कम से कम 39 छात्र पक्षकार बने हैं. उनका दावा है कि राजधानी सोल में स्थित एक टेस्ट सेंटर में घंटी निर्धारित वक़्त से पहले बजा दी गई थी.
ऐसे परीक्षा के पहले पेपर कोरियाई भाषा टेस्ट के दौरान हुआ था. कुछ छात्रों ने उसी वक़्त विरोध किया लेकिन उनका कहना है कि निगरानी कर रहे सुपरवाइजरों ने इसके बावजूद उनके पेपर्स ले लिए.
अगले सत्र से पहले शिक्षकों ने अपनी गलती स्वीकार कर ली और लंच ब्रेक के दौरान छात्रों को डेढ़ मिनट अतिरिक्त वक़्त दिया लेकिन इस अवधि में वे केवल अनुत्तरित प्रश्नों का ही उत्तर दे सकते थे, पहले से दिए जवाबों में बदलाव करने की उन्हें इजाजत नहीं दी गई.
समाचार एजेंसी योनहैप की रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों का कहना है कि जो कुछ हुआ, वे उससे इतने व्यथित थे कि बाक़ी परीक्षा पर वे ठीक से ध्यान नहीं दे सके. कुछ छात्रों के बारे में कहा गया कि उन्होंने बीच में ही परीक्षा छोड़ दी और घर लौट गए.
उनके वकील किम वु सुक ने स्थानीय मीडिया को बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस घटना के लिए अभी तक माफी नहीं मांगी है. सरकारी मीडिया प्लेटफॉर्म केबीएस ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से कहा है कि परीक्षा की निगरानी कर रहे प्रभारी सुपरवाइजर से समय देखने में ग़लती हुई है.
दक्षिण कोरिया में परीक्षा का समय पूरा होने से पहले पाली ख़त्म होने की घंटी बजने का ये पहला मामला नहीं है. अप्रैल में सोल की एक अदालत ने साल 2021 की सुन्युंग परीक्षा में ऐसी ही घटना के लिए प्रभावित छात्रों को सात मिलियन वॉन का मुआवजा देने का आदेश दिया था. इस मामले में छात्रों का दावा था कि जब वे परीक्षा ख़त्म होने की घंटी निर्धारित वक़्त से दो मिनट पहले ही बज गई थी.