देश भर में नई शिक्षा नीति को लागू किए तीन साल पूरे हो चुके है। नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों को मनपसंद विषयों को चुनने की स्वतंत्रता देती है। शिक्षा नीति में स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता दी गई है। इससे विद्यार्थी जमीन से जुड़ेंगे।
अंग्रेजों ने बाबू बनाने के लिए शिक्षा नीति लाई थी, जिसे बदलना जरूरी था। अब ये बदलाव देश में नई युग की शुरुआत है। नई शिक्षा नीति शिक्षा में गुणवत्ता लाने के साथ- साथ विद्यार्थी को आत्मनिर्भर बनाने की बेहतरीन शुरुआत है।
नई शिक्षा नीति के तीन साल पूरे होने पर भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। संस्थान नई शिक्षा नीति को सुदृढ़ बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। यहां जो स्कॉलर आते है वह इसमें अहम योगदान दे सकते हैं। डिग्री होल्डर होना जरूरी नही है धरातल से जुड़ना जरूरी है तभी शिक्षा व देश आगे बढ़ सकता है।