दिल्ली में यूं ही नहीं आई बाढ़… इतिहास में पहली बार 97 घंटे खुले रहे हथिनीकुंड बैराज के 18 गेट

दिल्ली में बाढ़ आई, इसे लेकर यमुनानगर में हथिनी कुंड पर आरोप लगए। हथिनी कुंड बैराज के गेट 97 घंटे खुले रहे। पहली बार बैराज के इतिहास में इस तरह हुआ कि गेट इतने घंटों तक खुले रहे। हर साल 18 गेट जल बहाव 70 हजार क्यूसेक होने पर खुलते हैं, इस साल एक लाख क्यूसेक होने पर खोले गए।

 hathni kund barrage
यमुनानगर: हथिनी कुंड बैराज के इतिहास में पहली बार बैराज के गेट 97 घंटे तक खुले खुले। बारिश के मौसम में जब पहाड़ी क्षेत्रों से यमुना नदी में जल बहाव होता है तो बाढ़ की हालत में कभी भी हथिनी कुंड बैराज के गेट इतने लंबे समय तक खुले नहीं रहे। सिंचाई विभाग के एसई रवि एस मित्तल ने रविवार को इस तथ्य की पुष्टि की है। एसई मित्तल का कहना है कि पुराने स्टाफ का भी यही कहना है। रेकॉर्ड में इतने लंबे समय तक बैराज के गेट खोलने का विवरण किसी भी सीजन या साल का नहीं है। बता दें कि इस सीजन से पहले सभी 18 गेट जल बहाव 70 हजार क्यूसेक होने पर खुलते रहे हैं। इस साल नियम बदलने के बाद एक लाख क्यूसेक होने पर खुलते हैं।
एक तथ्य यह भी सामने आया है कि गेट खुलने के बाद भी यमुना नदी में पानी लगातार 60-70 हजार क्यूसेक के आसपास चल रहा है। एक टाइम ऐसा भी आया कि गेट खोलने के बाद पानी का बहाव एक लाख तीन हजार क्यूसेक हो गया था। लेकिन गेट नहीं खोले गए।

जल बहाव में उतार-चढ़ाव

एसई मित्तल का कहना है कि भले ही जल बहाव में काफी उतार चढ़ाव चल रहा है। लेकिन अब ऐसा नहीं लगता कि ज्यादा समय तक गेट खोलने की नौबत आएगी। रविवार को बैराज में टोटल जल बहाव 77733 क्यूसेक रहा। जिसमें से पश्चिमी यमुनानहर में 13510 क्यूसेक व पूर्वी यमुनानहर में 1800 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

बैराज में 62413 क्यूसेक पानी को सीधे डिस्चार्ज किया जा रहा है। इसके अलावा करीब 12 हजार क्यूसेक पानी धनौरा इस्केप व सोम नदी आदि का पानी भी यमुनानदी में गिर रहा है। अधिकारियों के अनसार अगर बारिश ज्यादा होती है तो यह जल स्तर बढ़ने का खतरा है।