शोधार्थियों ने राजा तूतनखामेन (King Tutankhamun Face Recreated By Reserchers) का चेहरा रिक्रिएट कर लिया है. पहली बार दुनिया को 19 साल के प्राचीन मिस्त्र के फैरो (Ancient Egyptian Pharaoh) का चेहरा दिखा है. माना जाता है कि तूतनखामने सिर्फ़ 9 साल की उम्र में फैरो बना था और 19 साल की उम्र तक उसने राज किया था.
सदियों पहले ऐसा दिखता था राजा तूतनखामेन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैज्ञानिकों ने राजा तूतनखामेन का चेहरा सफ़लतापूर्वक रिक्रिएट कर लिया है. शोधार्थियों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने ये कारनामा कर दिखाया है. तूतनखामने के ममीफ़ाइड स्कल (Mummified Skull) से ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, इटली के साइंटिस्ट्स ने तूतनखामेन का डिजिटल मॉडल तैयार किया है. जब से तूतनखामने की सुनहरी कब्र मिली है तब से वैज्ञानिक उसका चेहरा बनाने की कोशिश कर रहे थे.
कैसे बनाया राजा तूत का चेहरा?
सिर्फ़ 9 साल की उम्र में तूतनखामेन के हाथ में मिस्त्र की बागडोर आ गई थी. शोधार्थियों ने तूत की जो छवि दिखाई है उसमें वो किसी राजा से ज़्यादा किसी कॉलेज का छात्र जैसा लग रहा है. इटली के जर्नल, Journal of Anatomy and Embryology में ये स्टडी छपने वाली है. रिसर्चर्स ने डिजिटल मॉडल और राजा के स्कल के प्री-रिकॉर्डेड मेज़रमेंट्स की मदद से ये चेहरा बनाया है.
ब्राज़ील के ग्राफ़िक्स एक्सपर्ट और स्टडी के सह लेखक Dr. Cicero Moraes ने कहा, ‘मुझे तो वो किसी युवा की तरह लग रहे हैं, जिसका चेहरा बेहद कोमल है. उन्हें देखने पर एक छात्र के भाव आते हैं न किसी की नेता के जिस पर असंख्य ज़िम्मेदारियां हैं. और यही बात इस ऐतिहासिक किरदार और भी ज़्यादा दिलचस्प बनाती है.’
Dr. Moraes ने कहा, ‘ये डिटेक्टिव वर्क जैसा ही था जहां हमारे पास कुछ जानकारियां थी और उन्हें एक साथ लिंक करना पड़ा. ताकि हमें एक 3 डायमेन्शन्ल मॉडल मिले.’
Daily Mail की रिपोर्ट के अनुसार, डेटा और कुछ Cephalometric Measurements की मदद से राजा तूत का चेहरा आसानी से बनाया गया. एक वर्चुअल डोनर के डिजिटल स्कल को लिया गया और उसे राजा तुत के स्कल के साथ एडजस्ट किया गया. Dr. Moraes ने बताया, ‘होठों को रिक्रिएट किया गया, आईबॉल्स को सही जगह लगाया गया, कान की लंबाई और नाक के अगले हिस्से को बनाया गया.’
पहले भी राजा तुत का चेहरा बनाने की कोशिश की गई थी
शोधार्थियों ने बताया कि स्टेटस्टिकल डेटा के आधार पर सारे प्रोजेक्शन्स बनाए गए हैं. अलग-अलग वंशों के लोगों के CT Scan भी किए गए. राजा तुत के चेहरे को बनाने का ये पहला प्रयास नहीं था, 2005 में भी शोधार्थियों ने कोशिश की थी. Flinders University के इजीप्टोलॉजिस्ट और आर्कियोलॉजिस्ट, Michael Habicht ने कहा, ‘हमारा रिकन्स्ट्रक्शन, फ़्रेंच टीम के रिकन्सट्रक्शन से काफ़ी मिलता-जुलता है.’
1922 में मिली थी राजा तूत की कब्र
मिस्त्र के 18वें वंश का फैरो था तूतेनखामेन. 1922 के नवंबर में ब्रिटिश इजिप्टोलॉजिस्ट हॉवर्ड कार्टर और उनकी टीम ने मिस्र के राजाओं की घाटी में तूतेनखामेन के मकबरे की खुदाई शुरू की.
4 नवंबर 1922 को जब कार्टर की टीम ने यहां की खुदाई शुरू की तो उन्हें रेत में दबी मकबरे की पहली सीढ़ी मिली. उसके अगले दिन उनकी टीम ने पूरी सीढ़ी को खोज निकाला, और नवंबर के अंत तक, एक एंटेचैम्बर, एक खजाना, और मकबरे का दरवाजा खोज लिया गया. कार्टर और उनकी टीम उस समय चकित रह गई जब दरवाजे में एक छेद बना कर अंदर झांकने पर उन्हें सोने के खजाने से भरा एक कमरा दिखा. 26 नवंबर तक सोने का ये खजाना कार्टर और उनकी टीम को मिल चुका था लेकिन तूतनखामेन की ममी वाले ताबूत का पता काफी बाद में चला था.
1923 में तूतेनखामेन (Tutankhamun) की कब्र खोदने वाले 20 से ज़्यादा लोगों की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी. इनमें से 6 लोगों की मौत लंदन में हुई. कहते हैं कि लॉर्ड कार्नावोन (Lord Carnavon) की मौत मकबरा खोलने के बाद हुई. पावर फ़ेल होने की वजह से पूरे कायरो की बिजली चली गई थी. कार्नावोन के बेटे ने कहा कि उसका प्रिय कुत्ता चिलाया और कार्नावोन ज़मीन पर गिर पड़ा.