कांग्रेस, सीएम के अपने विधान सभा क्षेत्र में भी भाजपा को मिली लीड, सरकार से संकट टला है लेकिन खत्म नहीं हुआ, सीपीएस पर फैंसले से बदलेंगे समीकरण- जयराम ठाकुर
हिमाचल प्रदेश में लोकसभा की चारों सीटों पर तीसरी बार बीजेपी की प्रचंड जीत हुई है जबकि कांग्रेस पार्टी को 68 विधानसभा क्षेत्र में से 61 में हार मिली है। बीजेपी की जीत पर प्रदेश की जनता का आभार प्रकट करते हुए शिमला में पत्रकार वार्ता कर नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सीएम सुक्खू को पार्टी हाई कमान के एक्शन से पहले ही नैतिकता और आधार पर इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। सीएम अपने नादौन विधान सभा क्षेत्र में भी हारे हैं और भाजपा को 2143 की लीड नादौन से मिली है। डिप्टी सीएम को छोड़कर 10 मंत्री भी अपने विधान सभा में कांग्रेस को लीड नहीं दिला पाए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों ने एक बार फिर से पीएम मोदी में भरोसा जताया और चारों सीट पर जीत दिलाई।2014,2019 और अब 2024 में भाजपा ने फिर से जीत दर्ज की है।56.29 मत प्रतिशत बीजेपी को लोकसभा चुनाव में हिमाचल में भाजपा को मिले हैं। कांगड़ा में सबसे बड़ी जीत हुई है जबकि इस सीट पर कांग्रेस के बड़े नेता आनंद शर्मा बुरी तरह से हारे हैं।53 फ़ीसदी वोट हासिल कर कंगना रनौत ने मंडी संसदीय क्षेत्र से जीत दर्ज की है।हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार जनादेश खो चुकी है। राज्यसभा में विधायकों का बहुमत खोने के बाद अब लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस ने जनता का विश्वास खो दिया है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में हार के बाद सरकार बचने का जश्न मना रही है जबकि विकास की तरफ़ कोई ध्यान नहीं है। सीएम केवल कुर्सी बचाने में लगे हैं। निर्दलीय विधायकों के त्यागपत्र समय पर स्वीकार नहीं किए। कांग्रेस को सरकार गिरने का डर सता रहा था इसलिए परिणाम से एक दिन पहले विधान सभा अध्यक्ष ने इस्तीफ़े स्वीकर किए। अगर विधान सभा अध्यक्ष पहले ही इस्तीफ़े स्वीकार करते तो उपचुनाव के 30 करोड़ बच सकते थे। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद भाजपा ने हिमाचल में सरकार बनाने का दावा किया था जिसमें थोड़ा समय लगेगा लेकिन सरकार का गिरना तय है।सीपीएस का फैंसला भी हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा है ऐसे में फैंसला आते ही सरकार संकट में आएगी।