चम्बा 13 फ़रवरी एंकर ऐतिहासिक चम्बा  शहर के चौगान व कश्मीरी वार्ड के दर्जनों घर आज भूस्खलन की खतरे में है। यहां के लोगों का दिन का चैन और रात की नींद  पूरी तरह से उड़ी हुई है। 

यहां के लोगों का दिन का चैन और रात की नींद  पूरी तरह से उड़ी हुई है।  अभी करीब एक हफ्ता पहले भी यहां पर घर के साथ भूस्खलन हुआ जिससे यहां  के वार्ड के सभी लोग पूरी तरह से दहशत में आ गए हैं। यहां कई घरों के आंगन भूस्खलन की चपेट में आ चुके हैं और अब इन घरों का  रास्ता भी हवा में लटका हुआ है और कभी भी यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है।  यहां के स्थानीय लोग स्थानीय प्रशासन से भी मिले और उन्होंने उपायुक्त चम्बा को यहां की वास्तविक स्थिति से  अवगत करवाया और  उसके बाद उपायुक्त चम्बा मुकेश रेपस्वाल ने मौके पर जाकर वहां का वास्तविक हाल जाना।  स्थिति को देखते हुए उन्होंने एसडीएम चम्बा  को आदेश किया कि जिन  जो घर बिल्कुल किनारे  पर है और कभी भी वहां खतरा हो सकता है तो उन लोगो को  वहां से हटाकर कहीं सुरक्षित जगह में फिलहाल अस्थाई तौर पर बिठाया जाए ताकि कोई हादसा ना हो। आपको बता दें की यह ऐतिहासिक नगर चम्बा का जो  कश्मीरी वार्ड  है जहां पर चम्बा नगर के ऐतिहासिक धरौहरें  भी है। जिनमें ऐतिहासिक श्याम सिंह हॉस्पिटल , भूरी सिंह संग्रहालय, उपायुक्त आवाज सुनो व्यू ,बाबा श्री चंद का गुरुद्वारा ,ऐतिहासिक दिल्ली गेट और हरि राय मंदिर जैसे बहुत से ऐसे ऐतिहासिक स्थल है जो इसी वार्ड  में आते हैं और अगर यहां भूस्खलन शुरू होता है तो यह सभी ऐतिहासिक धरोहर भी  इतिहास के पन्नों में दबकर रह जाएंगे। वॉइस ओवर यहां उपायुक्त चम्बा से मिलने आए लोगों के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी थे जिन्होंने बताया कि यहां उनके घरों के साथ भूस्खलन शुरू हो चुका है जिसकी वजह से वह हमेशा ही डर के साए में जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके घर भूसंख्लन की चपेट  में आ सकते हैं।  हम कभी भी नदी में समा सकते हैं।  यहां पर किसी न किसी तरह कोई सुरक्षा की व्यवस्था की जाए ताकि उन्हें कोई खतरा न रहे।  बाइट : कश्मीरी वार्ड के छोटे-छोटे बच्चे वॉइस ओवरइस वार्ड की महिलाओं ने बताया की 6 महीने पहले भी यहां पर भूस्खलन हुआ था जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें यहां से हटाकर  एक सराय में रखा लेकिन कुछ ही दिनों के बाद उन्हें वापस मजबूरन अपने घरों में आना पड़ा क्योंकि यहां पर किसी भी प्रकार का कोई सुरक्षा का कार्य शुरू नहीं हो पाया।  महिलाओं ने बताया कि वह अपने बाल बच्चों के साथ दिन-रात मौत के साए में अपनी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं।  उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रशासन में उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया हो  और अगर यहां पर कोई हादसा होता है और उसके बाद अगर प्रशासन कोई कार्य करता है तो उसका क्या फायदा।  उन्होंने कहा कि यहां कोई बड़े हादसा होने से पहले ही प्रशासन कोई उचित व्यवस्था करें ताकि वह लोग चैन से यहां अपना जीवन व्यतीत कर पाए।और अगर उनकी समस्या पर जल्द कोई उचित कदम नहीं उठाए गए तो वह धरना प्रदर्शन के साथ  आने वाले लोक सभा चुनावों का भी बहिष्कार कर सकते हैं।   बाइट : स्थानीय महिलाएं वॉइस ओवर वही इस कश्मीरी वार्ड के स्थानीय लोगों ने बताया कि चम्बा  एक ऐतिहासिक शहर है और इसी कश्मीरी वार्ड में  जहां पर यह भूस्खलन शुरू हुआ है इसी में चम्बा की  ऐतिहासिक धरोहरें  भी है जिसमें। श्याम सिंह हॉस्पिटल, स्नो व्यू उपयुक्त आवास, भूरी  सिंह संग्रहालय, ऐतिहासिक गाँधी  गेट, अग्निशमन विभाग का ऑफिस, हरि राय मंदिर इन सभी धरोहरें  ऐतिहासिक हैं और अगर भूस्खलन होता है तो यह धरोहर भी उसके साथ ही जमींदोज़  हो सकती हैं।  उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों के जीवन के साथ-साथ में धरोहरों को भी बचाना है इसलिए यहां कोई जल्द से कार्य किया जाए ताकि वह चैन से अपने घरों में रह सके। बाइट :  स्थानीय लोग वॉइस ओवर वही जब उपयुक्त चम्बा  से लोग मिलने गए तो उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि वह मौके पर जाकर वहां का जायज़ा  लेंगे और उसके बाद वहां की वास्तविक स्थिति देखने बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। बाद में जब उपायुक्त चम्बा ने  मौके पर मुआइना किया  तो उसके बाद उन्होंने कहा कि यहां सही मायने में लोगों के घरों को खतरा है। उन्होंने कहा की एसडीएम चम्बा और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिशासी अभियंता के साथ मिलकर यहां मौके का जायजा लिया  और उनके ध्यान में यह बात आई है कि इस समस्या के लिए डीपीआर भी बनाई जा चुकी है और सरकार के समक्ष इस समस्या को रखा भी जा चुका है वह जल्द ही सरकार से दोबारा समस्या के बारे में विचार कर  आगे  जल्द से इस समस्या का हल निकाला जाएगा और यहां पर सुरक्षा के कार्य शुरू होगा  फिलहाल जिन लोगों के घरों को अभी ज्यादा खतरा है उन्हें यहां से दूसरी जगह पर सुरक्षित भेजा जाएगा ताकि कोई हादसा होने से रोका जा सके।