आज के युवा सिविल सर्विसिज में अपना करियर बनाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं. इस क्षेत्र में सम्मान के साथ साथ अच्छी खासी सैलरी भी मिलती है. जिनका चुनाव IAS-IPS या ऐसे किसी अन्य अधिकारी पद पर हो जाता है वे अपने जीवन को सुरक्षित मानते हैं. मध्य प्रदेश कैडर के रिटायर्ड आइएएस अधिकारी एस. लक्ष्मीनारायण ने भी शायद अपने करियर की शुरुआत में ऐसा ही सोचा हो लेकिन अब उन्होंने कुछ ऐसा किया है जिससे सब हैरान हैं.
IAS ने रामलला के चरणों में समर्पित कर दी सारी संपत्ति
Twitter
रिटायर होने के हर इंसान अपने जमा किए पैसों से बाकी की ज़िंदगी आराम से काटने की सोचता है लेकिन रिटायर्ड आइएएस अधिकारी एस. लक्ष्मीनारायण ने ठीक इसके विपरीत काम किया. उन्होंने अपनी पूरी कमाई रामलला के चरणों में दान करने का फैसला किया है. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने अपनी पत्नी के साथ अयोध्या पहुंच कर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से अनुमति ली. केंद्र सरकार में गृह सचिव रह चुके एस. लक्ष्मीनारायण रामलला की मूर्ति के सामने पांच करोड़ से तैयार 151 किलो की रामचरितमानस स्थापित करवाएंगे.
अयोध्या मंदिर को भेंट करेंगे अद्भुत रामचरितमानस
Twitter
10,902 पदों वाले इस अनोखे-अद्भुत रामचरितमानस का हर पृष्ठ तांबे का होगा, जिन्हें 24 कैरेट सोने में डुबोया जाएगा. स्वर्ण जड़ित अक्षर लिखे जाएंगे. इसमें 140 किलो तांबा और 7 किलो सोना लगेगा. इसके लिए लक्ष्मीनारायणन ने अपने सभी बैंक अकाउंट खाली कर अपनी कुल संपत्ति लगाने का फैसला किया है. एस. लक्ष्मीनारायणन द्वारा की गई इस रामचरित मानस पुस्तक की परिकल्पना को देश की जानी मानी कंपनी वुम्मिदी बंगारू ज्वैलर्स तैयार करेगी. संसद भवन में स्थापित सेंगोल (राजदंड) को भी इसी ज्वैलरी कंपनी ने तैयार किया है. इस स्वर्ण जड़ित रामचरितमानस का डिजाइन तैयार हो चुका है, कंपनी इसे तीन महीने में तैयार करेगी.
कौन हैं एस. लक्ष्मीनारायण?
Twitter
एस. लक्ष्मीनारायण चेन्नई के रहने वाले हैं. वे मध्यप्रदेश कैडर के 1970 बैच के आइएएस अधिकारी रहे हैं. मौजूदा समय में वह दिल्ली में रहते हैं. उनकी पत्नी सरस्वती एक गृहिणी हैं और उनकी बेटी प्रियदर्शिनी अमरीका में रहती हैं. प्रदेश में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके लक्ष्मीनारायण पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के करीबी अफसरों में शामिल रहे हैं. इसके अलावा कई निजी कंपनियों से जुड़ चुके लक्ष्मीनारायण को भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
लक्ष्मीनारायण का नाम मां लक्ष्मी के नाम पर पड़ा है. दरअसल, उनकी मां ने दिल्ली के बिरला मंदिर यानी लक्ष्मी नारायण मंदिर में ये प्रार्थना की थी कि अगर उन्हें बेटा हुआ तो उसका नाम वह लक्ष्मीनारायण रखेंगी. ऐसे में उनके जन्म के बाद मन्नत पूरी होने पर उनकी मां ने उनका नाम लक्ष्मीनारायण रखा.
बता दें कि रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा और इसके अगले दिन श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के द्वार खोल दिए जाएंगे.