कुर्बानी के जज्बे के साथ शिमला में गुरुवार को ईद-उल-अजहा के मौके पर अल्लाह की बारगाह में लाखों सिर सजदे में झुके। इसके साथ ही उस अजीम कुर्बानी को याद किया गया जो हजरत इब्राहिम ने अपने रब के हुक्म से पेश की थी।
राजधानी के ईदगाह मैदान व जामा मस्जिद सहित शहर की अन्य मस्जिदों में नमाज अता की गई। शिमला के ईदगाह मैदान में सुबह 9 बजे मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा ईद की नमाज अता की गई। नमाज अता कर अमन व चैन की दुआ मांगी गई। कई जगह लोगों ने अपने-अपने घरों में भी नमाज अता की। नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद की बधाई दी।
वहीं मौलवी मुमताज़ अहमद कासमी ने कहा कि ईद का दिन अल्लाह ने दिया है। आज इस पाक दिवस पर नमाज़ आता की गई। सभी ने इस पवित्र दिवस पर देश के लिए कुर्बानी और मअमन चैन की दुआ मांगी। इस दिन का तकाजा है कि अल्लाह, देश व मुल्क की तरक्की के लिए कुर्बानी दें। कुरान में जो तरीके जिंदगी जीने के लिए बताए है उसी तरह जिंदगी गुजारे। यह पैगाम-ए-मुहब्बत है। देश व प्रदेश में प्यार और आपसी भाईचारा कायम रहे।