चैत्र नवरात्र चल रही हैं और इसमें सप्तमी तिथि पर महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है, मां कालरात्रि की पूजा अर्चना करने के लिए आज सुबह सवेरे 4:00 बजे से ही श्रद्धालु शूलिनी मंदिर पहुंचे और मां की उपासना कर उन्हें प्रसाद अर्पित किया तत्पश्चात मंदिर परिसर में भजन कीर्तन का भी आयोजन हुआ। मंदिर के पुजारी का कहना है कि मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। नवरात्र के सातवें दिन यानि 15 अप्रैल को मां कालरात्रि की पूजा करने से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है। जीवन की हर समस्या को पलभर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है। शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को हर परिस्थिति में विजय दिलाती हैं।
तो वही जब श्रद्धालुओं से बात की तो उनका कहना है कि शूलिनी माता के साथ हमारी विशेष आस्था जुडी हुई है प्रत्येक वर्ष हम नवरात्रि में माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं और माता के भिन्न-भिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना करते हैं गर्भग्रह के जीर्णोधार के बाद तो मंदिर और भी ज्यादा आकर्षक और मनमोहक बन चुका है, श्रद्धालु दूर-दूर से माता के दर्शन के लिए शूलिनी दर पहुंच रहे हैं।