मनरेगा के तहत जिला परिषद कर्मचारी व ग्राम रोजगार सेवकों को वेतन न मिलने से इस बार उनकी दिवाली फीकी रही। कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें दो माह वेतन नहीं मिल पा रहा है, जिसको लेकर पंचायती राज मंत्री ने CM सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष यह मुद्दा उठाया हैं। वहीं आपदा के लिए भी केंद्र से 9655 घरों की मंजूरी मिली है। पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मनरेगा के तहत ग्राम रोजगार सेवक और जिला परिषद कर्मियों को वेतन में दिक्कत आ रही है।
केंद्र सरकार ने गत बजट के दौरान 20 हजार करोड़ रुपये की कटौती की, जिस कारण कुछ कर्मचारियों को वेतन देने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे कर्मचारी हैं, जिन्हें दो माह से वेतन नहीं मिला है। मुख्यमंत्री के समक्ष यह मुद्दा उठाया गया है और रिवॉल्विंग फंड की मांग की गई है। इसकी सम्बंधित फ़ाइल वित्त विभाग के पास है और जल्द से जल्द रिवॉल्विंग फंड मील जिससे सभी कर्मियों को वेतन मिल सके।
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि केंद्र से 9655 घरों की मंजूरी आ गई है, जिसे 14 दिसंबर से पहले पात्र परिवारों को आवंटित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले जो 6551 घर मिले थे, उन्हें वितरित कर दिया गया है। 13 अगस्त को भारी बारिश के बाद आपदा की चपेट में आने के कारण 10 हजार घर और प्रभावित हो गए। अब यह संख्या लगभग 16,000 हो गई है। 2 हजार घर मुख्यमंत्री ने प्रदेश बजट से भी दिए है। 30 सितंबर तक प्रभावित लोगों को आवेदन करने की तिथि थी जो रह गए हैं।
उन्हें भी सरकार की ओर से घर दिए जाएंगे। वहीं उन्होंने कहा कि मनरेगा का बजट इस वर्ष भी लगभग 1150 करोड़ पहुंच जाएगा। वर्तमान समय में मनरेगा के कार्य में गिरावट आई है। सभी बीडीओ को निर्देश दिए गए हैं कि इसमें बढ़ोतरी की जाए। कोरोना के समय मनरेगा कार्य में बढ़ोतरी हुई थी, उस समय सभी घरों में थे। लेकिन अब कोई ग्रामीण इलाकों में नहीं है। इस कारण इसमें गिरावट आ रही है।