एसपीयू में बायोमेट्रिक हाजिरी पर घमासान, 26 प्रोफेसरों का रुका वेतन

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के 26 प्रोफेसरों का दिसंबर माह का वेतन रोक दिया गया है. जिसको लेकर घमासान जारी है. वहीं, वित्त विभाग द्वारा इसमें नियमों का हवाला दिया जा रहा है, जिसके कारण विश्वविद्यालय और वित्त विभाग के अधिकारियों के बीच खींचतान बढ़ गई है. सरदार पटेल यूनिवर्सिटी की प्रतिकुलपति ने वीरवार को आरोप लगाते हुए कहा कि मंडी विवि पर बायोमेट्रिक हाजिरी के फरमान जबरदस्ती थोपे जा रहे हैं. जबकि प्रदेश की अन्य किसी भी विवि में यह आदेश नहीं चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय पर राजनीति की जा रही है और स्टाफ को बेवजह परेशान किया जा रहा है.

प्रतिकुलपति ने यह भी कहा कि प्रोफेसरों का वेतन हर महीने विभिन्न बहानों से वित्त विभाग द्वारा रोक दिया जाता है. अप्रैल 2022 में अपनी स्थापना के बाद से पिछले डेढ़ वर्षों में कोई कार्यकारी परिषद या वित्तीय समिति की बैठक नहीं हुई है. इन्ही बैठकों में ही यह निर्णय लिए जाते हैं और आगामी योजनाएं बनाई जाती हैं. उन्होंने कहा कि एसपीयू के रजिस्ट्रार ने उच्च न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुए वेतन भुगतान रोक दिया था, जिसमें स्कूलों और कॉलेजों में बायोमेट्रिक को अनिवार्य किया गया था. उन्होंने कहा कि यह आदेश सरकारी स्कूलों और कॉलेजों पर लागू होता है, विश्वविद्यालयों पर नहीं. यदि सभी विश्वविद्यालयों को लेकर सामूहिक आदेश आते हैं, तो एसपीयू सबसे पहले बायोमेट्रिक हाजिरी लागू की जाएगी.

प्रतिकुलपति प्रो. अनुपमा सिंह ने कहा कि रजिस्ट्रार के दफ्तर में 20 फाइलें पेंडिंग पड़े हैं. केवल बायोमेट्रिक की फाइल पर ही ध्यान देना उचित नहीं है. विचाराधीन 20 फाइलों को निपटाना भी जरूरी है. इस बारे में वह दो बार रजिस्ट्रार के पास गई, लेकिन वह उनको मिल नहीं पाए. वहीं, सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार मदन कुमार ने कहा कि वह इस मसले पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं. इस बारे में वित्त विभाग ही कुछ कह सकता है. वहीं, वित्त विभाग अधिकारी प्रमोद ने कहा कि वह सरकार के आदेशों का पालन कर रहे हैं. विवि को कई बार बायोमेट्रिक से हाजिरी लगाने को कहा गया है. मगर सरदार पटेल यूनिवर्सिटी में इसका पालन नहीं हो रहा है, जिसके चलते वेतन को रोका गया है.