एक मैकेनिक जिसने दोस्त से प्रेरित हो कर शुरू की खेती, आज सब्जियां उगा कर कमा रहा लाखों रुपये

रामेश्वर सुथार ने हायर सेकेंडरी परीक्षा पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ कर इलेक्ट्रिक मोटर रीबाइडिंग का काम किया. कई सालों तक एक मैकेनिक के तौर पर काम करते हुए अपना परिवार चलाने वाले रामेश्वर को अपनी ज़िंदगी का मुख्य उदेश्य तब दिखा जब वह अपने एक किसान मित्र से मिले. अपने किसान मित्र से प्रेरित होकर उन्होंने ने भी खेती-किसानी करने का सोचा. रामेश्वर की मेहनत रंग लाई और आज वह खुद एक उन्नत किसान बन चुके हैं.

एक मैकेनिक जो बना सफल किसान

mechanic turned farmer by growing vegetables earn in lacs NBT

चित्तौड़गढ़ जिले के रामपुरिया गांव के किसान रामेश्वर सुथार ने पढ़ाई छोड़ने के बाद इलेक्ट्रिक मोटर रिवाइंडिंग का काम शुरू किया. कई सालों तक ये काम करने के बाद उन्होंने इसे अपने बेटे के हवाले कर दिया और खुद खेती शुरू कर दी. उन्होंने अपनी 6 बीघा जमीन से अपनी खेती किसानी का सफर तय किया. अब वह 4 साल से अपने खेतों में सब्जियां उगा रहे हैं. इन चार सालों में उनकी कमाई में 11 गुना वृद्धि हुई है. शुरुआत में खेती से 1 लाख रुपये कमाने वाले रामेश्वर आज सारा खर्चा निकाल कर सालाना 10 से 12 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं.

दोस्त से मिलने के बाद लिया खेती का फैसला

एनबीटी पर प्रमोद तिवारी की विशेष रिपोर्ट के अनुसार रामेश्वर अपनी इस सफलता के बारे में बताते हैं कि मोटर रिवाइंडिंग का काम करने के दौरान ही उनकी मुलाकात महाराष्ट्र के सतारा जिले के प्रोग्रेसिव फार्मर उमेश गाडे से हुई. गाड़े ने 5 साल के लिए अपने गांव के आसपास 65 बीघा जमीन लीज पर लेकर उसपर 2 साल के लिए स्ट्रॉबेरी की खेती की. इस खेती से उन्होंने लाखों की कमाई की. गाड़े ने जो किया था वही रामेश्वर सुथार के लिए प्रेरणा बना.

सुथार के पार उस समय खुद की 10 -12 बीघा जमीन थी. उन्होंने सोचा कि उन्हें तो जमीन लीज पर भी नहीं लेनी पड़ेगी और वह अपनी ही जमीन पर खेती शुरू कर सकते हैं. जिस मित्र से रामेश्वर सुथार ने प्रेरणा ली, आज वही मित्र रामेश्वर की मदद से 90 एकड़ जमीन साल 2031 तक लीज पर लेकर खेती कर रहे हैं. रामेश्वर सुथार ने अपनी 10-12 बीघा जमीन में से कुल 6 बीघा जमीन पर सब्जियों की तीन फसलों की खेती शुरू की.

आज होती है बंपर कमाई

आज भी वह शिमला मिर्च, टमाटर ,पीले रंग की मिर्च और पिकाडोर मिर्च की फसल तैयार करते हैं. इस समय पिकाडोर मिर्च का भाव 10- 12 रुपए प्रति किलो है. सीजन आने पर वह इसे ₹38 प्रति किलो के हिसाब से भी बेचते हैं. अभी उन्होंने डेढ़ बीघा ज़मीन में शिमला मिर्च 2 बीघा में, पीली मिर्च और एक बीघा में टमाटर की फसल लगा रखी है. इसके अलावा उन्होंने कुछ जमीन को गोभी की फसल की बुवाई के लिए भी खाली छोड़ा है.

जब किसान रामेश्वर सुथार ने अपने खेत पर टमाटर की बंपर फसल उगाई तो उसके बाद उन्हें मजदूरों की दिक्कत आने लगी. ऐसे में उन्होंने अपने मैकेनिक वाला दिमाग लगाया और ख़ुद से एक टमाटर ग्रेडिंग मशीन तैयार की है. इसमें टमाटर साइज के अनुसार अलग-अलग होकर ऑटोमेटिक कैरेट पैक हो जाते हैं. इसकी मदद से लेबर आधी रह जाती है. किसान रामेश्वर सुथार ने अपने द्वारा बनाई इस मशीन को मध्य प्रदेश और पुणे में भी बेचा है. इस मशीन की लंबाई 28 फीट है. अब यह एक स्प्रे मशीन बनाने में जुटे हुए हैं.

रामेश्वर खेती के साथ-साथ पशुपालन भी कर रहे हैं. उन्होंने 3 भैंस और 2 गाय पाल रखी है, जिससे प्रतिदिन 15 से 20 लीटर दूध का उत्पादन हो जाता है. इसके साथ ही वह पशु अपशिष्ट से कंपोस्ट खाद भी तैयार कर लेते हैं.