इसराइली सेना शरणार्थी शिविरों की ओर बढ़ी, 1.5 लाख फ़लस्तीनियों ने छोड़ा सेंट्रल ग़ज़ा इलाक़ा

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि ग़ज़ा पट्टी में स्थित शरणार्थी शिविरों की ओर इसराइली सेना के बढ़ने के कारण क़रीब 1.5 लाख फ़लस्तीनियों को सेंट्रल ग़ज़ा छोड़कर जाने पर मजबूर होना पड़ा है.
प्रत्यक्षदर्शियों और हमास के हथियारबंद धड़े ने बताया है कि इसराइली सेना के टैंक बुरेज शिविर की पूर्वी छोर पर पहुंच गए हैं.
इसराइली सेना ने हाल में बुरेज के साथ नुसीरत और मग़ाज़ी शिविरों को निशाना बनाते हुए आक्रामक अभियान की शुरुआत की.
हमास संचालित ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को दावा किया कि इसराइल की गोलीबारी में कई दर्ज़न लोग मारे गए.
उधर मिस्र ने बताया है कि उसने युद्धविराम का लक्ष्य रखते हुए तीन चरणों वाला एक प्रस्ताव पेश किया है.
हमास का एक प्रतिनिधिमंडल इस प्रस्ताव का उत्तर देने के लिए मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंच गया है.

इसी बीच संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में इसराइल पर कई आरोप लगाए.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि –
- इसराइली बस्तियों के हथियारबंद बाशिंदों की ओर से हो रहे हमलों में उछाल के कारण फ़लस्तीन के चरवाहा समुदाय का बड़े पैमाने पर विस्थापन हो रहा है.
- आवागमन को लेकर जारी भेदभावपूर्ण प्रतिबंध से लोगों की रोज़ाना की ज़िंदगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है.
इस रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने इसराइल से वेस्ट बैंक में फ़लस्तीनी नागरिकों की ‘ग़ैरक़ानूनी हत्याओं’ को रोकने का आग्रह किया.