केंद्र सरकार की योजना आयुष्मान भारत हो या राज्य सरकार की हिम केयर योजना क्षेत्रीय अस्पताल में मरीजों को बिना किसी रुकावट के उपचार मिल रहा है। यही कारण है कि आयुष्मान भारत योजना में मरीजों को लाभ देने में क्षेत्रीय अस्पताल सोलन आगे है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों से प्रकाश में आई है। इसके लिए क्षेत्रीय अस्पताल को सर्टिफिकेट देकर नवाजा भी जा चुका है। साथ ही वर्तमान में भी लोगों को सुविधा पहुंचाने के लिए कार्य कर रहा है। अस्पताल में उपचार के लिए जैसे ही मरीजों को भर्ती किया जाता है वैसे ही संबंधित मरीज के परिजनों से आयुष्मान भारत और हिम केयर कार्ड के बारे में जानकारी ली जाती है। इससे मरीज को भी उपचार करवाने में आसानी हो जाती है और मरीज को आर्थिक बोझ का सामना भी नहीं करना पड़ता है।
गौर रहे कि क्षेत्रीय अस्पताल जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां पर सोलन ही नहीं बल्कि जिला शिमला और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों से मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में बेहतर उपचार की सुविधा भी मरीज को दी जाती है। वर्तमान में क्षेत्रीय अस्पताल में आधुनिक मशीनें स्थापित की गई हैं ताकि मरीजों को निजी लैब में धक्के न खाने पड़े। अस्पताल में कई प्रकार के गंभीर रोगियों का उपचार भी किया जा रहा है। दोनों ही योजनाओं में भर्ती होने के बाद मरीजों की दवा से लेकर टेस्ट करवाने तक के खर्चों का वहन कार्ड से ही किया जाता है। अस्पतालों में भी आने वाले लोगों को कार्ड बनाने का आग्रह भी किया जाता है ताकि मरीज की जेब का बोझ कम हो सके।
आयुष्मान भारत योजना के तहत करीब 2435 मरीजों को उपचार की सुविधा मिल चुकी है। इस योजना के तहत अभी तक करीब 80 लाख रुपये खर्च कर चुका है। वहीं हिमकेयर योजना में भी क्षेत्रीय अस्पताल पीछे नहीं है। इस योजना के तहत भी 12006 मरीजों को भर्ती होने के बाद लाभ दिया गया है। इस योजना के तहत करीब 2.68 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। खास बात यह है कि सरकार की ओर से भी अस्पताल को अधिकतर राशि दी जा चुकी है। करीब 21,82,500 रुपये राशि बकाया है।
क्षेत्रीय अस्पताल में आने वाले प्रत्येक मरीज के लिए कोशिश की जाती है कि बेहतर सुविधा प्रदान की जाए। इसी के साथ सरकारी सुविधाओं का लाभ भी मरीजों को दिया जा रहा है। अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना समेत हिम केयर योजना के जरिए भी उपचार दिया जा रहा है। हजारों की संख्या में मरीजों को लाभ दिया गया है। साथ ही लोगों को जागरूक भी किया जाता है।