हिमाचल में सभी जिले प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हैं। जिसमें कई लोग अपनी जान गंवा चुके है तो कईयों के मकान इस त्रासदी में जमींदोज हो चुके है। हिमाचल में सभी जगह त्रासदी की वजह से मातम सा छाया है। सरकार , प्रशासन और समाजिक संस्थाएं राहत पहुंचाने का कार्य कर रही है। कई प्रभावित ऐसे है जिन्होंने बैंक से कर्ज लेकर मकान बनाए थे। लेकिन आज वह मकान आपदा के भेंट चढ़ चुके है। कइयों की फसल बर्बाद हो गयी है। ऐसे में बैंक का कर्ज वह कैसे चुकाएंगे। यह चिंता प्रभावितों को सता रही है। ऐसे में वह चाहते है कि बैंक और इंश्योरेंस कंपनियां उनका क्लेम जल्द से जल्द दें ताकि वह अपने ऋण को चुकता कर सकें। इन बातों को लेकर बैंकों के पूर्व कर्मचारियों की संस्था और स्थानीय व्यापारियों ने इस बारे में बैंकों और इंश्योरेंस कंपनियों से बात करनी आरम्भ कर दी है और उन्हें आग्रह किया जा रहा है कि वह प्रभावितों की मदद के लिए खुद आगे आएं और संकट के इस समय में वह प्रभावितों की मदद करें .
इस मौके पर पूर्व बैंक अधिकारी अनिल गुप्ता और व्यापारी मुकेश गुप्ता ने बताया कि जिन प्रभावितों ने बैंक से लोन लेकर मकान बनाया या व्यवसाय आरम्भ किया था उन्हें बैंक द्वारा किए गए इंश्योरेंस का पैसा जल्द मिले और उनकी किश्तें तुरंत प्रभाव से रुक जाए इसके लिए उन्होंने विभिन्न बैंकों से निवेदन किया है। जिसमें बैंक और बड़ोदा ने पहल करतें हुए हिमाचल की सभी शाखा प्रबंधकों को आदेश भी जारी कर दिए है कि वह प्रभावितों की मदद के लिए खुद आगे आएं को उनके दस्तावेज जल्द से जल्द खुद एकत्र कर उन्हें इंशोरेंस का पैसा जल्द उपलब्ध करवाएं ताकि प्रभावितों को जल्द राहत प्रदान हो सके। उन्होंने कहा कि अगर सभी बैंक इस मौके पर प्रभावितों की स्वयं मदद करें तो उन्हें बड़ी राहत प्रदान हो सकती है।