हिमाचल प्रदेश में किलो के हिसाब से सेब बेचने को लेकर बवाल थमने का नाम नही ले रहा है। सरकार ने किलो के हिसाब से सेब बेचने का निर्णय लिया है, जिसे लागू करना सरकार के गले का फांस बन गया है। आढ़ती किलो के हिसाब से सेब नहीं बेचने पर अड़े हैं, जबकि बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज साफ शब्दों में सेब को किलो के हिसाब से ही बेचने की बात कही है। आढ़तियों को दो दिन के भीतर व्यवस्था को लागू करने को कहा है। इसके साथ ही कानून न मानने वाले आढ़तियों को लाइसेंस रद्द करने की बात कही है।
जगत सिंह नेगी ने कहा है कि बागवानों और आढ़तियों की सहमति के बाद सेब को हिमाचल में इस बार किलो के हिसाब से बेचने का निर्णय लिया है। अब आढ़ती बीच सीजन में मनमानी पर उतर आए हैं, जिसे सरकार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। आढ़ती जगह का रोना रो रहे हैं, लेकिन सरकार ने आढ़तियों को जगह का भी प्रावधान कर दिया है।
अगर अब भी आढ़ती नहीं माने तो आढ़तियों को लाइसेंस रद्द कर उन्हें मंडियों से बाहर किया जाएगा। सरकार बागवानों के हितों से खिलवाड़ नहीं होने देगी। इस बार एचपीएमसी भी किलो के हिसाब से बागवानों से सेब खरीदेगा। बाहर से भी सरकार आढ़तियों को आमंत्रित कर रही है। ताकि बागवानों को फायदा मिल सके।
वहीं सेब बाहुल क्षेत्र से संबंध रखने वाले शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने भी सरकार के निर्णय को बागवानों के हित में बताते हुए सेब को किलो के हिसाब से बेचने की बात कही और आढ़तियों से भी सरकार के निर्णय को लागू करने का आग्रह किया।
वहीं दूसरी और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने किलो के हिसाब से सेब बेचने का कानून बनाया है, जिसे लागू करना भी सरकार का दायित्व है। आढ़तियों ने उनसे मुलाकात की है, जिसमें उन्होंने अपना पक्ष रखा है। मंडियों में सरकार के कानून के हिसाब से ही सेब बेचा जाएगा।