आउट सोर्स पैरामेडिकल स्टाफ ने की CM से मुलाक़ात, पॉलिसी बनाने की रखी मांग

कोविड काल के दौरान कोविड-19 से सम्मानित आउटसोर्स में रखे गए पैरामेडिकल स्टाफ की नोवावेक्स कोविड-19 यूनियन का प्रतिनिधिमंडल सेरा विश्राम गृह में मुख्यमंत्री से मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके वर्ग की अनदेखी की जा रही है। इसलिए इस वर्ग के लिए शीघ्र स्थाई नीति बनाई जाए।

संगठन की प्रदेश अध्यक्ष निशिता, जिला मंडी प्रभारी हेमलता, संगठन के महासचिव दिवांशी व हमीरपुर से कोमल शर्मा आदि ने कहा कि उन्हें गत 4 माह से वेतन नहीं मिला है। वहीं उन्हें तीन-तीन माह की एक्सटेंशन दी जा रही थी, लेकिन अब यह अवधि गत 30 जून को समाप्त हो गई है।

उन्होंने मांग की है कि 1 जुलाई 2023 से 30 दिसंबर 2023 तक कम से कम 6 माह की एक्सटेंशन दी जाए। उन्होंने कहा कि इस वर्ग ने कोविड-19 में जान हथेली पर रखकर कार्य किए है। जिसके कारण उन्हें भी कोविड-19 वारियर कहा गया है। लेकिन अब यह वर्ग दर-दर भटकने को मजबूर है।

उनका कहना है कि इस प्रशिक्षित वर्ग को विभिन्न मेडिकल व डेंटल कॉलेज में भी नियमित तौर पर एडजस्ट किया जा सकता है।  मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में भी अतिरिक्त स्टाफ की आवश्यकता है। नौकरी जाने के बाद यह वर्ग बुरी तरह बेरोजगार हो जाएगा। यह प्रतिनिधिमंडल अपना बैनर लेकर यहां पहुंचा था व चेतावनी दी है कि उनके लिए स्थाई नीति नहीं बनाई गई तो वह लोग सड़कों पर उतर जाएंगे। प्रदेश भर में इस वर्ग के 2000 कर्मचारी हैं जिन्होंने सेरा विश्राम गृह में नारेबाजी भी की।